सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जैतून उत्पादन में राजस्थान ( ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक मीट (GRAM),एजोर्प,YELLOW GOLD,जोजोबा (होहोबा) प्रोजेक्ट,जैतून फार्म दिढोल,ROCL,राजऑलिव,Biol diesed,उन्नत किसान खुशहाल राजस्था )

 राजस्थान में जैतून उत्पादन

जैतून



राजस्थान में जैतून उत्पादन हेतु राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लि. कम्पनी (ROCL) का गठन 19.4.2007 में किया गया। राजस्थान राज्य में जैतून को बागानी फसल (Plantation crop) का दर्जा दिया गया है।

राज्य में ROCL कम्पनी के जैतून फार्म
1. जैतून फार्म - दिढोल, बस्सी जयपुर

यहां पर जैतून नर्सरी स्थित है जहां पर लगभग 5 लाख जैतून के पौधे पौध रोपण हेतु तैयार है। वर्ष 2017 में ऑलिव की पत्तियों से चाय बनाने का प्रोसेस्ड संयत्र युरोप की कम्पनी ऑलिटिया के सहयोग से स्थापित किया गया है।

2 जैतून फार्म लूणकरणसर (बीकानेर)-

वर्ष 2014 में देश की प्रथम जैतून तेल रिफायनरी स्थापित की गई है। जहां जैतून का तेल ‘राजऑलिव ब्रान्ड के नाम से पेकिंग होगा।

3. जैतून फार्म टिकरडी, अलवर- 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैतून पौध रोपण स्थापित है।

4. जैतून फार्म-बासबिसना, झुन्झुनु- 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैतून पौध रोपण स्थापित है।

5. जैतून फार्म - साथू, जालौर - 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैतून पौध रोपण स्थापित है।

6. जैतून फार्म - बांकलिया, नागौर- 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैतून पौध रोपण स्थापित है। 

7. जैतून फार्म - बारोर, गंगानगर - 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैतून पौध रोपण स्थापित है।


राजस्थान में जोजोबा (होहोबा) प्रोजेक्ट
-

पीले सोने के नाम से प्रसिद्ध अखादय तिलहन फसल है जो रेगिस्थानी इलाको में आसानी से उगाई जा सकती है। इसके तेल का प्रयोग वाहनों के इंधन (Biol diesed) के रूप में एक लुब्रीकेन्ट, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री के काम आता है।


राजस्थान में जोजोबा का पोधा सर्वप्रथम वर्ष 1965 में काजरी जोधपुर द्वारा इजराइल से लाया गया था।
राज्य में इसकी खेती को बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 1996-97 में

राजस्थान जोजोबा रोपण एवं अनुसंधान प्रोजेक्ट (एजोर्प) के तहत इजराइल की

तकानिकी सहायता से एंड जयपुर एवं फतेहपुर सीकर में जोजोबा फार्म स्थापित

किये गये।

ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक मीट (GRAM)

राज्य स्तरीय ग्राम का दिनांक 9 - 11 नवम्बर, 2016 को सीतापुरा जयपुर में आयोजन किया गया।

ग्राम का उद्देश्य कृषि विकास के माध्यम से किसान का आर्थिक सशक्तीकरण और उसकी आय को दुगनी करना है। इसकी थीम 'उन्नत किसान खुशहाल राजस्थान थी।

खण्ड स्तरीय ग्राम का आयोजन सबसे पहले कोटा में दिनांक 24-26 मई, 2017 में आयोजन किया गया तथा द्वित्तीय खण्ड स्तरीय ग्राम दिनांक 7-9 नवम्बर, 2017 को उदयपुर में किया गया।

 

  1. If we drink the mixture of ISABGOL,Kalonji olive oil in milk is it helpful for weight loss
  2. Can fish oil and olive oil capsule I apply on my for thickening of my eyebrows in one week?
  3. Can we use olive oil on PEINS for strong erection if yes So how many days?
  4. After consuming olive oil and lemon juice after how many hours one can have normal food
  5. When olive oil rub the brain what REACT does brain?
  6. What is naturally index in olive oil?
  7. kya methi kalonji coconut oil,caster oil olive oil ko mix kar sakte hai
  8. himalaya baby oil mein olive oil mix karke laga sakte hai baby ko
  9. bilginoglu edible olive oil uses in Tamil
  10. जैतून के तेल को छत्तीसगढ़ी में क्या कहते हैं?

 

सीरियल क्रॉप्स Organic farming,

 SEEDS TREATMEANT METHODS (बीज उपचार के तरीके ) TNAU इंडिया

चने की उपज में वर्दी व कमी के कारण ?|| Uniform in gram yield 

सरसों की नई किस्म से ह्रदय रोग नही होगा | The new variety of mustard will not cause heart disease. 

WHEAT( गेहू )  

#Toxisity ( जहर ) फसलो में इनका नही करे उपयोग 

FARMER SAFETY TIPS ( किसानों के लिए सुरक्षा उपाय )

#Whats Eating My Plant


wheat crop full cultivation गेहूँ की खेती


बीज उपचार seed treatment

Paddy leaf blast Diseases

SYNTHETICS

PESTICIDES

NUTRIENTS & FERTILIZERS

HERBICIDES & WEEDICIDES

FUNGICIDES

chemical combination

maize organic pro,

बीज उपचार seed treatmeant सोयाबीन

सोयाबीन soyabean

भारत में चावल की खेती के विभिन्न तरीके

How to Grow Button Mushroom in India- Indian Method to cultivate Mushrooms.


Organic farming information in hindi जैविक खेती की जानकारी|


#100% pure organic food center



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

येल्लो मस्टर्ड (Yellow Mustard) की प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं: मुख्य रोग मुख्य कीट की पूरी

 येल्लो मस्टर्ड (Yellow Mustard) की प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं

penoxsulam 2.67 use in hindi, उपयोग की विधि, पेनॉक्ससलम 2.67% के उपयोग के लाभ.

  पेनॉक्ससलम 2.67% उपयोग: एक प्रभावी खरपतवार नाशी   पेनॉक्ससलम 2.67% उपयोग: एक प्रभावी खरपतवार नाशी पेनॉक्ससलम 2.67% एक चयनात्मक (Selective) खरपतवार नाशी है, जिसका उपयोग मुख्यतः धान की फसल में चौड़ी पत्तियों वाले और घास वर्गीय खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह फसल के शुरुआती विकास के दौरान खरपतवारों को खत्म करने में अत्यंत प्रभावी है। पेनॉक्ससलम 2.67% के उपयोग के लाभ चयनात्मक नियंत्रण यह केवल खरपतवारों को नष्ट करता है और मुख्य फसल (धान) को नुकसान नहीं पहुंचाता। लंबे समय तक प्रभाव खरपतवारों पर इसका असर लंबे समय तक बना रहता है, जिससे फसल को बेहतर पोषण मिलता है। आसान उपयोग पानी के साथ मिलाकर इसका छिड़काव सरल और प्रभावी है। व्यापक प्रभाव यह चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार (Broadleaf Weeds) और घास वर्गीय खरपतवार (Grassy Weeds) दोनों को नियंत्रित करता है। उपयोग की विधि खुराक (Dosage) 2.67% पेनॉक्ससलम का उपयोग 0.4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। प्रति एकड़ के लिए लगभग 120-150 मिलीलीटर का उपयोग पर्याप्त होता है। घ...

फॉस्फोरस (p),के फसल में उपयोग,कार्य,मात्रा

 फॉस्फोरस (जिसे अक्सर कुछ संदर्भों में "फॉस्फोरस" के रूप में संदर्भित किया जाता है) पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, और यह उनकी वृद्धि और विकास में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पौधों के लिए फॉस्फोरस के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं: