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जायद मूंग (Mung Bean) की प्रमुख किस्में.

जायद मूंग (Mung Bean) की प्रमुख किस्में: PDM-139 यह किस्म उच्च उत्पादन देने वाली है और मुख्य रूप से गर्म जलवायु में उगाई जाती है। SML-668 यह किस्म रोग प्रतिरोधी है और उच्च गुणवत्ता वाले बीज देती है। T-44 यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और सूखा सहनशील है। Sujata यह किस्म मध्यम अवधि वाली है और अच्छी पैदावार देती है। RMG-62 यह किस्म मुख्य रूप से उच्च उपज के लिए जानी जाती है और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उपयुक्त है। Urd-4 यह किस्म बड़े दाने और उच्च गुणवत्ता वाली होती है। जायद मूंग के प्रमुख रोग: पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) यह रोग पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ बनाता है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) यह रोग पत्तियों और तनों पर काले धब्बे बनाता है और पौधे की वृद्धि रुक जाती है। विल्ट (Wilt) इस रोग में पौधा मुरझाकर सूख जाता है और उसकी जड़ें कमजोर हो जाती हैं। रेड रॉट (Red Rot) यह रोग मूंग की जड़ों को प्रभावित करता है और जड़ों की सड़न का कारण बनता है। बैक्टीरियल ब्लाइट (Bacterial Blight) य...

आलू की किस्मे रोग किट व उपचार

  आलू की प्रमुख किस्में: कृष्णा (Krishna) यह किस्म उच्च पैदावार देने वाली है और इसे अधिकतर उबले हुए आलू के लिए प्रयोग किया जाता है। कनक (Kanak) यह किस्म ठंडी जलवायु में अच्छी होती है और इसकी खासियत इसकी बड़ी और गोल आकृति है। इंद्रा (Indira) यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और औसत पैदावार देती है। उमा (Uma) यह किस्म अच्छे आकार और स्वाद के आलू देती है, विशेष रूप से भुने हुए आलू के लिए उपयुक्त होती है। लालिमा (Lalima) यह किस्म उबालने के लिए आदर्श होती है और इसमें मीठा स्वाद होता है। पंत आलू-3 (Pant Aloo-3) यह किस्म उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोधी होती है, जो अधिकतर भारतीय जलवायु में उगाई जाती है। आलू के प्रमुख रोग: रॉट रोग (Rot Diseases) उपचार: गहरे पानी से खेतों की सिंचाई न करें। संक्रमित कंदों को तुरंत निकालें और उन्हें नष्ट कर दें। ब्लाइट रोग (Late Blight) यह एक घातक रोग है जो आलू के पत्तों और तनों को प्रभावित करता है, जिससे पूरी फसल को नुकसान हो सकता है। उपचार: सल्फर आधारित या कॉपर आधारित फफूंदी नाशकों का छिड़काव करें। संक्रमित पौ...

राजमा फसल की प्रमुख किस्में, रोग और कीट

  राजमा फसल की प्रमुख किस्में: पंत राजमा-1 (Pant Rajma-1) यह किस्म जल्दी पकने वाली है और सूखा सहनशील होती है। पंत राजमा-2 (Pant Rajma-2) यह किस्म अधिक पैदावार देती है और ठंडे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। एच.पी.आर. 35 (HPR 35) यह किस्म मध्यम अवधि में पकती है और उच्च उपज देने वाली है। ज्वाला (Jwala) यह किस्म विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है और अधिक उत्पादन करती है। आर.बी.के. 11 (RBK 11) यह किस्म रोग प्रतिरोधी है और सूखा सहनशील होती है। शिवा (Shiva) यह किस्म अच्छी गुणवत्ता के बीज देती है और उच्च उत्पादन करती है। राजमा के प्रमुख रोग: झुलसा रोग (Alternaria Blight) पत्तियों और तनों पर गहरे भूरे धब्बे बनते हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। रस्ट (Rust) पत्तियों पर छोटे-छोटे जंग के रंग के धब्बे बनते हैं, जो पौधे की वृद्धि को रोकते हैं। जड़ गलन (Root Rot) इस रोग में जड़ें गलने लगती हैं, जिससे पौधा सूख जाता है। एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) पत्तियों, तनों और बीजों पर काले धब्बे बनते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। ...

प्याज की किस्मे रोग किट व उपचार

  प्याज की प्रमुख किस्में: प्याज-NDO-1 यह किस्म उच्च उपज देने वाली होती है और इसमें अच्छे आकार के प्याज होते हैं। यह किस्म अधिकतर गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में उपयुक्त है। प्याज-आल्मा यह किस्म ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से उगती है और विशेष रूप से भंडारण के लिए उपयुक्त होती है। प्याज-पंत प्याज-1 (Pant Pyaaz-1) यह किस्म भारतीय जलवायु में अच्छी पैदावार देती है और विशेष रूप से बाजार में लोकप्रिय होती है। प्याज-शहनाज़ यह किस्म मध्य क्षेत्र की जलवायु में अच्छी तरह से उगती है और इसका आकार और रंग आकर्षक होता है। प्याज-ब्राउन यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और भंडारण के लिए उपयुक्त होती है। इसका रंग हल्का भूरे रंग का होता है। प्याज-लाल यह किस्म विशेष रूप से लाल रंग के प्याज के लिए प्रसिद्ध है और इसकी विशेषता इसका मीठा स्वाद है। प्याज के प्रमुख रोग: प्याज का सफेद सड़न रोग (White Rot) यह रोग प्याज की जड़ों में संक्रमण उत्पन्न करता है, जिससे जड़ें सड़ने लगती हैं। उपचार: प्रभावित क्षेत्र से संक्रमित प्याज को तुरंत निकालकर नष्ट करें। जड़ों के आसपास ...

हल्दी की किस्मे रोग किट व उपचार |

हल्दी की प्रमुख किस्में: अल्फा हल्दी (Alpha Turmeric) यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और इसका स्वाद तीव्र होता है। इसे मुख्य रूप से मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कौशल हल्दी (Kausal Turmeric) यह किस्म भारत में प्रमुख रूप से उगाई जाती है और इसमें अच्छी उपज और उच्च रंग होता है। इसे बाजार में भंडारण के लिए उपयुक्त माना जाता है। संगम हल्दी (Sangam Turmeric) यह किस्म विशेष रूप से दक्षिण भारत में उगाई जाती है और इसका रंग गहरा होता है। अधु हल्दी (Adhu Turmeric) यह किस्म हल्की जलवायु में अच्छी तरह उगती है और अधिक पैदावार देती है। पंत हल्दी (Pant Turmeric) यह किस्म उत्तर भारत में उगाई जाती है, जो उच्‍च गुणवत्‍ता और रंग में बेहतरीन होती है। हल्दी के प्रमुख रोग: फ्यूसारियम विल्ट (Fusarium Wilt) इस रोग में हल्दी के पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और पौधे मुरझा जाते हैं। उपचार: संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें। खेत में कार्बेंडाजिम या थिराम जैसे फफूंदी नाशक का उपयोग करें। फसल चक्र अपनाएं और अच्छे जल निकासी की व्यवस्था बनाए रखें। सफ...

फूल गोभी की किस्मे रोग किट व उपचार. |

  फूल गोभी की प्रमुख किस्में: पंत फूल गोभी (Pant Cauliflower): यह किस्म उत्तर भारत में उगाई जाती है। इसका आकार बड़ा होता है और यह उच्च गुणवत्ता वाली होती है। यह किस्म ठंडे मौसम में अच्छी बढ़ती है। कृष्णा फूल गोभी (Krishna Cauliflower): यह किस्म गर्मी के मौसम में भी उगाई जा सकती है। इसका फूल सफेद और ठोस होता है, जिससे उच्च उपज मिलती है। कन्हैया फूल गोभी (Kanhaiya Cauliflower): यह किस्म विशेष रूप से मध्य भारत में उगाई जाती है। इसके फूल सफेद और बड़े होते हैं, जिससे बाजार में अच्छी मांग होती है। स्मार्ट फूल गोभी (Smart Cauliflower): यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और इसमें कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाले फूल होते हैं। बासमती फूल गोभी (Basmati Cauliflower): यह किस्म दक्षिण भारत में उगाई जाती है और इसकी विशेषता इसकी लंबी फूलों की श्रृंखला होती है। फूल गोभी के प्रमुख रोग: पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew): फूल गोभी की पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ दिखाई देता है। उपचार: प्रभावित पौधों को हटाकर नष्ट करें और मेटालेक्सिल या सोडियम बाइकार्बोनेट जैस...

मेथी की किस्मे किट व् रोग उपचार

  मेथी (Fenugreek) की प्रमुख किस्में: पंत मेथी (Pant Fenugreek): यह किस्म ठंडी जलवायु में अच्छी तरह उगती है और इसके पौधे छोटे और घने होते हैं। इसमें उन्नत पत्तियाँ और उच्च गुणवत्ता वाले दाने होते हैं। कृष्णा मेथी (Krishna Fenugreek): यह किस्म गर्म जलवायु में अच्छी तरह से उगती है। इसके पत्ते बड़े और घने होते हैं, जो ज्यादा उपज देने वाली होते हैं। सम्राट मेथी (Samrat Fenugreek): यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और इसकी पत्तियाँ ताजगी वाली होती हैं। यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और अच्छे दाने देती है। राजस्थान मेथी (Rajasthan Fenugreek): यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसके पौधे मजबूत होते हैं और उच्च गुणवत्ता के दाने देते हैं। वर्धमान मेथी (Vardhman Fenugreek): यह किस्म उत्तरी भारत में उगाई जाती है। इसके दाने चिकने और हलके होते हैं, जो बाजार में बिकने के लिए उपयुक्त होते हैं। मेथी के प्रमुख रोग: एंथ्रेक्नोज (Anthracnose): इस रोग में मेथी के पत्तों और तनों पर काले धब्बे और गहरे घाव बन जाते हैं। उपचार: ...

गाजर की किस्मे रोग किट व उपचार

 गाजर की  किस्मे रोग किट व उपचार

टमाटर की खेती का तरीका । टमाटर की खेती के बारे में जानकारी। टमाटर की खेती के विषय में जानकारी ।#Tomato #farming

 टमाटर के फल कों सब्जी सलाद व सूप बनाने में प्रयोग किया जाता है। टमाटर की यानी, सास कैचप भी बनाए जाते हैं टमाटर की खेती पूरे विश्व में की जाती हैं ये सबसे कम कीमत वाली फसलों में से एक है क्यू की ये उत्पादन में बहुत अधिक हैं परन्तु इसकी देख रेख भी अधिक हैं। इस लिए आज कल इस फसल को mulch, green House, polly House, आदि के अन्दर लगाना शूरू कर दिया है। Nextmefood  tomato  png टमाटर के लिए कुछ महत्वपूर्ण बाते।  जलवायु टमाटर की फसल के लिए तापक्रम का बहुत बडा योगदान होता है। टमाटर की फसल के लिए सबसे अच्छा तापमान 20°0 से 25 ° 0 C होता है। व टमाटर में अंकुरण के लिए सबसे अ च्छा तापक्रम 2 1 ° से 26° c होना चाहिए। ताप क्रम अधिक होने पर कुता व कल गिरने लग जाते हैं। व अधिक ल्रू चलने पर फलों का रंग व त्वचा भी खराब हो जाती है। 16 ° व 38° तापमान होने पर अंकुरण बहुत कम होता है। इसके परिणाम स्वरूप फल कम लगते हैं व स्वरूप बिगड जाता है। टमाटर में लाल रंग लाइकोपीन के कारण होता है 20-25 ° C से ऊपर इस वर्णक का उत्पादन तेजी से गिरने लगता है। और 30° C से ऊपर इसका निर्माण बन्द जो जाता है। जिससे...

How to Grow Button Mushroom in India- Indian Method to cultivate Mushrooms. भारत में बटन मशरूम कैसे उगाएं- मशरूम की खेती करने की भारतीय विधि।

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