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सब्जियों की बीमारियां और समाधान.

सब्जियों की बीमारियां और समाधान सब्जियों को बीमारियों से कैसे बचाएं? जानिए प्रमुख रोग और उनके समाधान! क्या आपकी सब्जियों में पत्तियां पीली पड़ रही हैं? फल समय से पहले सड़ रहे हैं? यह सब्जियों में लगने वाली बीमारियों का संकेत हो सकता है। सही जानकारी और इलाज से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं! सब्जियों में लगने वाली प्रमुख बीमारियां और बचाव के उपाय: डैम्पिंग-ऑफ (Damping Off): लक्षण: बीज जमने के तुरंत बाद पौध मर जाती है। बचाव: बीज को ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें और मिट्टी की नमी संतुलित रखें। पत्ती झुलसा (Leaf Blight): लक्षण: पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे। बचाव: रोगग्रस्त पत्तियां हटाएं और कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें। भभूका (Powdery Mildew): लक्षण: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ। बचाव: सल्फर आधारित दवा का छिड़काव करें। फलों का सड़ना (Fruit Rot): लक्षण: फल काले होकर सड़ने लगते ...

अदरक किस्मे रोग किट व उपचार

  अदरक की प्रमुख किस्में: कोल्हापुरी अदरक यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और महाराष्ट्र में प्रमुखता से उगाई जाती है। इसमें तीव्र स्वाद और अच्छा रंग होता है। नागरकोइल अदरक (Nagarcoil Ginger) यह किस्म दक्षिण भारत में उगाई जाती है और इसके अदरक के कंद बड़े आकार के होते हैं। सिंधूरी अदरक (Sindhuri Ginger) यह किस्म उत्तरी भारत में प्रसिद्ध है, जिसमें उच्चतम उत्पादन क्षमता और बेहतरीन गुणवत्ता होती है। कर्नाटका अदरक (Karnataka Ginger) यह किस्म उगाने में आसान होती है और इसे भंडारण के लिए उपयुक्त माना जाता है। असम अदरक यह किस्म विशेष रूप से असम और पूर्वोत्तर भारत में उगाई जाती है, जिसमें ताजगी और स्वाद होता है। अदरक के प्रमुख रोग: फ्यूसारियम विल्ट (Fusarium Wilt) इस रोग में अदरक के पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और पौधा मुरझा जाता है। उपचार: संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें। खेत में फसल चक्र अपनाएं और रासायनिक उपचार के रूप में कार्बेंडाजिम का उपयोग करें। सफेद सड़न रोग (White Rot) यह रोग अदरक की जड़ों में घुसकर उन्हें सड़ा देता है।...

हल्दी की किस्मे रोग किट व उपचार |

हल्दी की प्रमुख किस्में: अल्फा हल्दी (Alpha Turmeric) यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और इसका स्वाद तीव्र होता है। इसे मुख्य रूप से मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कौशल हल्दी (Kausal Turmeric) यह किस्म भारत में प्रमुख रूप से उगाई जाती है और इसमें अच्छी उपज और उच्च रंग होता है। इसे बाजार में भंडारण के लिए उपयुक्त माना जाता है। संगम हल्दी (Sangam Turmeric) यह किस्म विशेष रूप से दक्षिण भारत में उगाई जाती है और इसका रंग गहरा होता है। अधु हल्दी (Adhu Turmeric) यह किस्म हल्की जलवायु में अच्छी तरह उगती है और अधिक पैदावार देती है। पंत हल्दी (Pant Turmeric) यह किस्म उत्तर भारत में उगाई जाती है, जो उच्‍च गुणवत्‍ता और रंग में बेहतरीन होती है। हल्दी के प्रमुख रोग: फ्यूसारियम विल्ट (Fusarium Wilt) इस रोग में हल्दी के पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और पौधे मुरझा जाते हैं। उपचार: संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें। खेत में कार्बेंडाजिम या थिराम जैसे फफूंदी नाशक का उपयोग करें। फसल चक्र अपनाएं और अच्छे जल निकासी की व्यवस्था बनाए रखें। सफ...

फूल गोभी की किस्मे रोग किट व उपचार. |

  फूल गोभी की प्रमुख किस्में: पंत फूल गोभी (Pant Cauliflower): यह किस्म उत्तर भारत में उगाई जाती है। इसका आकार बड़ा होता है और यह उच्च गुणवत्ता वाली होती है। यह किस्म ठंडे मौसम में अच्छी बढ़ती है। कृष्णा फूल गोभी (Krishna Cauliflower): यह किस्म गर्मी के मौसम में भी उगाई जा सकती है। इसका फूल सफेद और ठोस होता है, जिससे उच्च उपज मिलती है। कन्हैया फूल गोभी (Kanhaiya Cauliflower): यह किस्म विशेष रूप से मध्य भारत में उगाई जाती है। इसके फूल सफेद और बड़े होते हैं, जिससे बाजार में अच्छी मांग होती है। स्मार्ट फूल गोभी (Smart Cauliflower): यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और इसमें कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाले फूल होते हैं। बासमती फूल गोभी (Basmati Cauliflower): यह किस्म दक्षिण भारत में उगाई जाती है और इसकी विशेषता इसकी लंबी फूलों की श्रृंखला होती है। फूल गोभी के प्रमुख रोग: पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew): फूल गोभी की पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ दिखाई देता है। उपचार: प्रभावित पौधों को हटाकर नष्ट करें और मेटालेक्सिल या सोडियम बाइकार्बोनेट जैस...

खीरा की किस्मे रोग किट व उपचार,प्रमुख किस्में:,खीरा के प्रमुख रोग:,

 खीरा की    किस्मे रोग किट व उपचार,प्रमुख किस्में:,खीरा के प्रमुख रोग:,

तोरीया फसल की प्रमुख किस्में रोग (Diseases) कीट (Insects)

 तोरीया फसल की प्रमुख किस्में रोग (Diseases) कीट (Insects)

मेथी की किस्मे किट व् रोग उपचार

  मेथी (Fenugreek) की प्रमुख किस्में: पंत मेथी (Pant Fenugreek): यह किस्म ठंडी जलवायु में अच्छी तरह उगती है और इसके पौधे छोटे और घने होते हैं। इसमें उन्नत पत्तियाँ और उच्च गुणवत्ता वाले दाने होते हैं। कृष्णा मेथी (Krishna Fenugreek): यह किस्म गर्म जलवायु में अच्छी तरह से उगती है। इसके पत्ते बड़े और घने होते हैं, जो ज्यादा उपज देने वाली होते हैं। सम्राट मेथी (Samrat Fenugreek): यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली होती है और इसकी पत्तियाँ ताजगी वाली होती हैं। यह किस्म जल्दी पकने वाली होती है और अच्छे दाने देती है। राजस्थान मेथी (Rajasthan Fenugreek): यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसके पौधे मजबूत होते हैं और उच्च गुणवत्ता के दाने देते हैं। वर्धमान मेथी (Vardhman Fenugreek): यह किस्म उत्तरी भारत में उगाई जाती है। इसके दाने चिकने और हलके होते हैं, जो बाजार में बिकने के लिए उपयुक्त होते हैं। मेथी के प्रमुख रोग: एंथ्रेक्नोज (Anthracnose): इस रोग में मेथी के पत्तों और तनों पर काले धब्बे और गहरे घाव बन जाते हैं। उपचार: ...

पालक (Spinach) की प्रमुख किस्में:, पालक के प्रमुख रोग:, पालक के प्रमुख कीट:, उपचार के सामान्य उपाय:.

 पालक (Spinach) की प्रमुख किस्में:, पालक के प्रमुख रोग:, पालक के प्रमुख कीट:, उपचार के सामान्य उपाय:. पालक (Spinach) की प्रमुख किस्में:

टमाटर की खेती का तरीका । टमाटर की खेती के बारे में जानकारी। टमाटर की खेती के विषय में जानकारी ।#Tomato #farming

 टमाटर के फल कों सब्जी सलाद व सूप बनाने में प्रयोग किया जाता है। टमाटर की यानी, सास कैचप भी बनाए जाते हैं टमाटर की खेती पूरे विश्व में की जाती हैं ये सबसे कम कीमत वाली फसलों में से एक है क्यू की ये उत्पादन में बहुत अधिक हैं परन्तु इसकी देख रेख भी अधिक हैं। इस लिए आज कल इस फसल को mulch, green House, polly House, आदि के अन्दर लगाना शूरू कर दिया है। Nextmefood  tomato  png टमाटर के लिए कुछ महत्वपूर्ण बाते।  जलवायु टमाटर की फसल के लिए तापक्रम का बहुत बडा योगदान होता है। टमाटर की फसल के लिए सबसे अच्छा तापमान 20°0 से 25 ° 0 C होता है। व टमाटर में अंकुरण के लिए सबसे अ च्छा तापक्रम 2 1 ° से 26° c होना चाहिए। ताप क्रम अधिक होने पर कुता व कल गिरने लग जाते हैं। व अधिक ल्रू चलने पर फलों का रंग व त्वचा भी खराब हो जाती है। 16 ° व 38° तापमान होने पर अंकुरण बहुत कम होता है। इसके परिणाम स्वरूप फल कम लगते हैं व स्वरूप बिगड जाता है। टमाटर में लाल रंग लाइकोपीन के कारण होता है 20-25 ° C से ऊपर इस वर्णक का उत्पादन तेजी से गिरने लगता है। और 30° C से ऊपर इसका निर्माण बन्द जो जाता है। जिससे...

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