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कृषकों को भूमि सूधार हेतु बजट घोषणा, किसानों से जुड़ी कुछ और घोषणाएं

*कृषकों को भूमि सूधार हेतु बजट घोषणा* *अन्तर्गत जिप्सम वितरण (एक किसान को अधिकतम 0.5 है. क्षेत्रफल हेतु 1.5 मै0 टन) एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-दलहन अन्तर्गत 50 प्रतिसत अनुदान पर जिप्सम वितरण (एक किसान को अधिकतम 2 है0 क्षेत्रफल हेतु 0.5 मै0 टन) देय होगा।*  *किसान भाई राज किसान सुविधा ऐप के माध्यम से जिप्सम मांग हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।* 👉👉👉👉👉👉👉👉     राज किसान सुविधा ऐप      👈👈👈👈👈👈👈👈👈 केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भूमि सुधारों के लिए 10,000 करोड़ रुपये और किसानों के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इन योजनाओं के ज़रिए, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा, किसानों की रजिस्ट्री बनाने के लिए भी 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है.  केंद्र सरकार की भूमि सुधार से जुड़ी कुछ और घोषणाएं: ग्रामीण भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (UID) प्रदान करने की योजना बनाई जा रही है.  एक नई भूमि रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी, जिसे किसान रजिस्ट्री...

AGRICULTURE SEEDS TREATMEANT METHODS (बीज उपचार के तरीके ) TNAU इंडिया

 AGRICULTURE सीड  ट्रीटमेंट इन हिंदी ,गेहू का बीज उपचार,जेविक बीज उपचार, जेलोरा  से बीज उपचार, सोयाबीन बीज उपचार बिजौपचार,धान का बीज उपचार,  सुरक्षित   फसल का आधार कृषि में सबसे महत्वपूर्ण बीज है अच्छी फसल व उपज के लिए अच्छा बीज व किस्म का सबसे अच्छा होना जरूरी है क्यू की किसान सबसे अधिक खर्च बीज में करता है हमेसा अच्छी किस्म का बीज ही प्रयोग करना चाहिए | कभी भी बीज की किस्म व बीज की मात्रा में कंजूसी नही करनी चाहिए | खेत बेहतर किस्म का बीज प्रयोग करने से हमेसा बीज की किस्म अच्छी बनी रहती है जो आज के इस स्थर पर बहुत ही जरूरी है क्यू की आज के इस दोर में बहुत सारी बड़ी कंपनियों ने आय के स्रोत देख लिए है अभी भी कही प्रकार के बीज जो प्रमाणित बीज होने के बाद भी किस्मो में खरे नही उतरते है | उन में भी कभी कभी उगने मे समस्या आ जाती है यही कारण है की आज कल बीज को प्रमाणित व सही कम्पनी से लेने के बाद भी उस बीज की अंकुरण क्षमता को   परख लेना चाहिए व हम एक सबसे बड़ी गलती करते है बीज को उपचार नही करके |बीज को उपचार नही करना ही सबसे बड़ी भूल है |बीज को उपचार नही करने स...

सरसों की नई किस्म से ह्रदय रोग नही होगा | The new variety of mustard will not cause heart disease.

 सरसों की नई किस्म से ह्रदय रोग नही होगा | भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने सरसों के ऐसी किस्म को विकसित किया है जिसमे न सिर्फ अच्छा उत्पादन होगा ,इस का तेल भी बहूउपयोगी होगा यानि बहुत गुणों वाला तेल जो सेहत में बहुत ही आरामदायक होगा व सेहत अच्छीरखेगा |  इस का नाम पूसा MUSTERD -32 है अभी वाली   सरसों के तेल में फेटि ऐसीड की मात्रा 42% ( इसे इरुसिक ऐसिड कहते है ) ये ह्रदय से जुडी बीमारिया अधिक होती है  पूसा MUSTERD -32 के तेल  में  फेटि ऐसीड की मात्रा 2% से कम होती है ,   जो ह्रदय से जुडी बीमारियों को पैदा नही करता है | सरसों के तेल में फेटि ऐसीड की मात्रा 42%  02% से भी कम है नई किस्म में एसीड                                       👉  अपनी इन आदतो को कहे ना 25 किवंटल / प्रति हक्टेर है उत्पादन इससे 1.16 लाख की आय हो सकती है प्रति हक्टेर किसानो की आय में...

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