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अप्रैल, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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Lambda-cyhalothrin: फसल सुरक्षा का आधुनिक हथियार – जानिए उपयोग और फायदे, Lambda-cyhalothrin Spray Guide: असरदार कीट नियंत्रण का स्मार्ट तरीका

Lambda-cyhalothrin (लैम्ब्डा-साइहैलोथ्रिन) की पूरी जानकारी दी गई है — उपयोग , प्रयोग विधि , और एक बढ़िया ब्लॉग टाइटल के साथ: 🧪 Lambda-cyhalothrin का उपयोग : Lambda-cyhalothrin एक संपर्क और पेट क्रिया वाला पायरेथ्रॉइड कीटनाशक है, जो कीटों की तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करता है और उन्हें जल्दी मारता है। यह मुख्यतः छेदक और चबाने वाले कीटों जैसे तना छेदक, फल छेदक, पत्ती लपेटक, थ्रिप्स, और एफिड्स के नियंत्रण में उपयोग होता है। फसलें: धान, कपास, मक्का, गेहूं, सब्जियाँ, और फलदार वृक्ष ⚗️ प्रयोग विधि : फसल लक्षित कीट मात्रा (ml प्रति लीटर पानी) प्रयोग विधि धान तना छेदक, पत्ती लपेटक 0.5 – 1.0 ml फूल आने से पहले स्प्रे करें कपास थ्रिप्स, सफेद मक्खी 0.6 – 0.8 ml सुबह या शाम को पत्तियों पर छिड़काव सब्जियाँ फल छेदक, हीरा कीट 0.5 – 0.75 ml 7–10 दिन के अंतराल पर स्प्रे मक्का तना छेदक 0.75 – 1.0 ml कीट दिखते ही स्प्रे करें 🧴 ध्यान दें : स्प्रे हमेशा साफ पानी से करें। पूरे पौधे को अच्छी तरह भिगोएँ, ताकि कीटनाशक की पहुँच सभी हिस्सों तक हो। ...

गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका नियंत्रण | Rose Diseases in Hindi

गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका नियंत्रण | Rose Diseases in Hindi गुलाब की फसल में रोग गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग 1. झुलसा रोग (Black Spot) लक्षण: पत्तियों पर काले गोल धब्बे, पत्तियाँ पीली होकर झड़ने लगती हैं। नियंत्रण: रोगग्रस्त पत्तियाँ हटाएँ, मैनकोजेब 0.2% का छिड़काव करें। 2. चूर्णी फफूंदी (Powdery Mildew) लक्षण: पत्तियों और कलियों पर सफेद चूर्ण जैसा फफूंद। नियंत्रण: वेटेबल सल्फर 0.3% का छिड़काव करें। 3. तना गलन (Stem Canker) लक्षण: तनों पर भूरे/काले धब्बे, शाखाएँ सूख जाती हैं। नियंत्रण: संक्रमित भाग काटें और बोर्डो पेस्ट लगाएँ। 4. पत्ती धब्बा रोग (Leaf Spot) लक्षण: पत्तियों पर भूरे-काले धब्बे, पत्तियाँ गिर जाती हैं। नियंत्रण: कार्बेन्डाजिम या मैनकोजेब का छिड़काव करें। 5. जड़ सड़न (Root Rot) लक्षण: पौधा पीला पड़ता है, जड़ें सड़ जाती हैं। ...

सामान्य कृषि कीटनाशक रसायनों, kjheti me pryog hone wale pesticide.

यहां सामान्य कृषि कीटनाशक रसायनों  की एक वर्गीकृत सूची दी गई है , जो प्रकार (कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी, आदि) के आधार पर समूहीकृत हैं: 🐛 कीटनाशक (कीटों को मारें) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी Chlorpyrifos डर्सबन, लोर्सबन एसिटाइलकोलिनेस्टरेज़ अवरोधक मेलाथियान फ़्यफ़नॉन organophosphate imidacloprid विश्वासपात्र, प्रशंसा नियोनिकोटिनोइड साइपरमेथ्रिन रिपकॉर्ड, सिम्बुश पाइरेथ्रोइड लैम्डा-cyhalothrin कराटे, योद्धा पाइरेथ्रोइड स्पिनोसैड सफलता, ट्रेसर कीट तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है 🌿 शाकनाशी (खरपतवार को मारने वाले) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी ग्लाइफोसेट बढ़ाना ईपीएसपी सिंथेस अवरोधक 2,4 डी वीडोन, एक्वा-क्लीन सिंथेटिक ऑक्सिन atrazine एट्रेक्स, एट्राटाफ प्रकाश संश्लेषण अवरोधक पैराक्वाट Gramoxone फोटोसिस्टम I इलेक्ट्रॉन डायवर्टर Pendimethalin स्टॉम्प माइक्रोट्यूब्यूल अवरोधक 🍄 कवकनाशक (कवक को मारें) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी Ma...

सब्जियों की बीमारियां और समाधान.

सब्जियों की बीमारियां और समाधान सब्जियों को बीमारियों से कैसे बचाएं? जानिए प्रमुख रोग और उनके समाधान! क्या आपकी सब्जियों में पत्तियां पीली पड़ रही हैं? फल समय से पहले सड़ रहे हैं? यह सब्जियों में लगने वाली बीमारियों का संकेत हो सकता है। सही जानकारी और इलाज से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं! सब्जियों में लगने वाली प्रमुख बीमारियां और बचाव के उपाय: डैम्पिंग-ऑफ (Damping Off): लक्षण: बीज जमने के तुरंत बाद पौध मर जाती है। बचाव: बीज को ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें और मिट्टी की नमी संतुलित रखें। पत्ती झुलसा (Leaf Blight): लक्षण: पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे। बचाव: रोगग्रस्त पत्तियां हटाएं और कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें। भभूका (Powdery Mildew): लक्षण: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ। बचाव: सल्फर आधारित दवा का छिड़काव करें। फलों का सड़ना (Fruit Rot): लक्षण: फल काले होकर सड़ने लगते ...

पाउडरी मिल्ड्यू रोग (Powdery Mildew) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में)

  पाउडरी मिल्ड्यू रोग (Powdery Mildew) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) (Powdery Mildew) 🌿 पाउडरी मिल्ड्यू क्या है? पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) एक प्रकार का कवकीय (Fungal) रोग है, जो पौधों की पत्तियों, तनों, फूलों और फलों पर सफेद पाउडर जैसी परत बनाकर फैलता है। यह रोग कई प्रकार की फसलों जैसे टमाटर, भिंडी, मिर्च, अंगूर, आम, गेहूं, मूंगफली, और फूलों की प्रजातियों को प्रभावित करता है। 🦠 रोग का कारक (Pathogen): इस रोग के कई प्रकार के कवक (Fungi) ज़िम्मेदार होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं: Erysiphe cichoracearum Oidium spp. Sphaerotheca fuliginea Leveillula taurica हर फसल के लिए अलग-अलग फफूंद होती हैं, लेकिन लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। 🔍 लक्षण (Symptoms): पत्तियों की सतह पर सफेद या ग्रे रंग की पाउडर जैसी परत। ग्रसित पत्तियाँ पीली होकर मुरझाने लगती हैं। फूल और फल प्रभावित होकर गिर सकते हैं या खराब हो सकते हैं। पौधे की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन कम हो जाता है। 🌦 रोग फैलने की स्थिति: गर्म और शुष्क मौसम में तेज़ी से फैलता है। उच्च आद्रता (...

एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में)

  एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) Anthracnose Disease 🌿 एन्थ्रेक्नोज क्या है? एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) एक गम्भीर कवकीय (फफूंदीजनित) रोग है जो कई प्रकार की फसलों जैसे आम, मिर्च, टमाटर, पपीता, कपास, सेम, अंगूर, खीरा, और दलहनी फसलों को प्रभावित करता है। यह रोग पत्तियों, तनों, फलों और शाखाओं पर गहरे धब्बों के रूप में दिखाई देता है। 🦠 रोग का कारक (Pathogen): इस रोग का मुख्य कारक एक कवक है: Colletotrichum spp. (जैसे Colletotrichum gloeosporioides , C. lindemuthianum , आदि) 🔍 लक्षण (Symptoms): 📌 पत्तियों पर: शुरू में छोटे, गोल या अनियमित भूरे से काले धब्बे। धब्बों के चारों ओर पीला किनारा। गंभीर अवस्था में पत्तियाँ मुरझा कर गिरने लगती हैं। 📌 तनों और शाखाओं पर: डार्क या काले रंग के धब्बे या गड्ढे बन जाते हैं। शाखाएं सूख सकती हैं। 📌 फलों पर: काले, धंसे हुए धब्बे जिनमें केंद्र में गुलाबी से नारंगी रंग का फफूंदीय विकास। फल जल्दी सड़ने लगते हैं और गिर सकते हैं। 🌦 रोग फैलने की स्थिति: अधिक नमी, वर्ष...

डाउन्यी मिल्ड्यू रोग (Downy Mildew Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में).

  डाउन्यी मिल्ड्यू रोग (Downy Mildew Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) Downy Mildew Disease 🌿 डाउन्यी मिल्ड्यू क्या है? डाउन्यी मिल्ड्यू (Downy Mildew) एक खतरनाक कवकीय रोग है जो फसलों की पत्तियों, तनों और कभी-कभी फूलों को प्रभावित करता है। इसका प्रमुख असर पत्तियों पर होता है, जहाँ ये पीले धब्बों और नीचे की सतह पर ग्रे या बैंगनी फफूंद के रूप में दिखता है। यह रोग तेजी से फैल सकता है और फसल को भारी नुकसान पहुँचा सकता है। 🦠 रोग का कारक (Pathogen): डाउन्यी मिल्ड्यू असल में एक Pseudofungus (कवक जैसे सूक्ष्मजीव) द्वारा फैलता है: Plasmopara spp. जैसे Plasmopara viticola (अंगूर में) Peronospora parasitica (सरसों में) Pseudoperonospora cubensis (खीरा, तरबूज, कद्दू आदि में) 🔍 लक्षण (Symptoms): 📌 पत्तियों पर: ऊपरी सतह पर पीले, अनियमित आकार के धब्बे। निचली सतह पर ग्रे, बैंगनी या सफेद फफूंद की परत (फंगल ग्रोथ)। पत्तियाँ पीली होकर सूख जाती हैं और गिर जाती हैं। 📌 तनों और फूलों पर: कुछ फसलों में तनों पर भी भूरे या काले धब्बे बन सकते हैं। फू...

गम्मोसिस रोग (Gummosis Disease) एक पौधों की बीमारी है

  गम्मोसिस रोग (Gummosis Disease) एक पौधों की बीमारी है जो विशेष रूप से फलों के पेड़ों में देखी जाती है,  Gummosis Disease जैसे कि नींबू, संतरा, अमरूद, आम, आड़ू, आलूचा, बेर आदि । इस रोग में पेड़ की छाल से एक चिपचिपा, गोंद जैसा पदार्थ निकलता है, जिसे गम (Gum) कहा जाता है। यह रोग पौधे की तने, शाखाओं या जड़ों को प्रभावित करता है। 🔍 गम्मोसिस रोग के कारण: फंगल संक्रमण (Fungal Infection): मुख्य रूप से Phytophthora , Botryosphaeria , और Fusarium जैसे कवक (fungi) इस रोग के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection) मैकेनिकल चोट या घाव: कटाई-छंटाई के समय गलती से लगी चोट। कीड़ों के काटने से बना घाव। जल जमाव (Waterlogging): अधिक पानी या ग़लत सिंचाई पद्धति। खराब पोषण (Poor Nutrition): बोरॉन या कैल्शियम की कमी। अत्यधिक तापमान और आर्द्रता: गर्म और नम मौसम इस रोग को बढ़ावा देता है। 🔍 लक्षण (Symptoms): तने या शाखाओं से गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलना। छाल का फटना या सूजना। प्रभावित स्थान पर काला या गहर...

विल्ट रोग (Wilt Disease) पौधों में होने वाला एक गंभीर रोग है

  विल्ट रोग (Wilt Disease) पौधों में होने वाला एक गंभीर रोग है,  Wilt Disease जो पौधों की नलिकाओं (vascular system) को प्रभावित करता है। यह रोग पौधे की जल और पोषक तत्वों के प्रवाह को बाधित कर देता है, जिससे पौधा धीरे-धीरे मुरझाने (wilt) लगता है और अंततः सूखकर मर सकता है। विल्ट रोग की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) विल्ट रोग के प्रमुख कारण: 1. फंगल विल्ट (Fungal Wilt): मुख्य रोगजनक: Fusarium oxysporum Verticillium dahliae 2. बैक्टीरियल विल्ट (Bacterial Wilt): मुख्य रोगजनक: Ralstonia solanacearum 3. नेमाटोड-जनित विल्ट: नेमाटोड जड़ों को नुकसान पहुंचाकर पौधे को मुरझा देते हैं। 🧪 संक्रमण का तरीका: फफूंद या बैक्टीरिया ज़मीन के माध्यम से जड़ों में प्रवेश करते हैं। वे जाइलम (xylem) में जाकर उसे बंद कर देते हैं, जिससे पानी और पोषक तत्व ऊपर नहीं पहुंचते। पौधा मुरझा जाता है। 🌾 किस-किस फसल में होता है ये रोग? टमाटर 🍅 मिर्च 🌶️ बैंगन 🍆 आलू 🥔 अरहर कपास चना केला 🍌 अन्य सब्ज़ियाँ व फसली पौधे ⚠️ लक्षण (...

Damping Off रोग क्या है? जानिए कारण, लक्षण और बचाव के उपाय" "नर्सरी और नई पौधों में Damping Off रोग से कैसे बचें? आसान और असरदार उपाय" "बीज जमने से पहले ही पौधे मुरझा जाएं? जानिए Damping Off रोग का इलाज

🌱 Damping Off रोग की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में)   Damping Off  🦠 रोग का कारण (Pathogens): यह रोग मुख्य रूप से फफूंद (Fungi) के कारण होता है। प्रमुख रोगजनक हैं: Pythium spp. Phytophthora spp. Rhizoctonia solani Fusarium spp. ये सभी मिट्टी में रहने वाले फफूंद हैं, जो विशेष रूप से नमी वाली, गंदी या जलभराव वाली परिस्थितियों में तेजी से फैलते हैं। 📌 Damping Off के प्रकार: 1. Pre-emergence damping off: बीज जमने से पहले ही नष्ट हो जाता है। बीज अंकुरित नहीं होते या मिट्टी में सड़ जाते हैं। 2. Post-emergence damping off: अंकुर निकलने के बाद तने के आधार (collar region) से गल जाता है। पौधा अचानक गिर जाता है और मर जाता है। ⚠️ लक्षण (Symptoms): पौधे की तने की जड़ के पास पानी जैसे धब्बे बनते हैं जो बाद में सड़ जाते हैं। अंकुर जमीन पर गिरकर मुरझा जाता है । जमीन में गंध आ सकती है (सड़ी मिट्टी जैसी)। पौधों का झुका हुआ या मर जाना। 🌾 किन फसलों में होता है यह रोग? टमाटर 🍅 मिर्च 🌶️ गोभी 🥬 पत्ता गोभी बैंगन 🍆 फू...

"Alternaria Blight रोग क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और समाधान" "फसलों में Alternaria Blight से बचाव कैसे करें? कारगर उपाय और दवाइयाँ" "Alternaria Blight: किसानों के लिए एक खतरा! जानिए बचाव और उपचार के तरीके

Alternaria Blight की सम्पूर्ण जानकारी (हिन्दी में)   Alternaria Blight   Alternaria Blight (ऑल्टरनेरिया ब्लाइट)  एक  फफूंदजनित रोग  है, जो विभिन्न प्रकार की फसलों जैसे कि सरसों, टमाटर, बैंगन, आलू, प्याज, मूंगफली, फूलगोभी आदि को प्रभावित करता है। यह रोग फसल की  पत्तियों, तनों, फलियों और फलों  पर हमला करता है और उपज को भारी नुकसान पहुँचा सकता है। 🔬 1. रोग क्या है? यह रोग Alternaria spp. नामक फफूंदी (fungus) के कारण होता है। यह फफूंद पौधों की पत्तियों, तनों, फूलों और फलों पर धब्बों (spots) के रूप में फैलता है। 🌾 2. प्रभावित फसलें: सरसों और राई (Mustard, Rapeseed) टमाटर (Tomato) बैंगन (Brinjal) मूंगफली (Groundnut) गोभी वर्ग की फसलें (Cauliflower, Cabbage) आलू (Potato) प्याज (Onion) 🔍 3. लक्षण (Symptoms): ✅ पत्तियों पर: गोल या अर्द्धगोलाकार भूरे-काले रंग के धब्बे। धब्बों के चारों ओर पीला घेरा (halo)। धब्बों पर छल्लेदार आकृति (target-like concentric rings) दिखाई देती है। पत्तियाँ सूखकर झड़ने लगती हैं। ✅ तन...

कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों के अनुदान में हुआ संशोधन

#कृषि यंत्र गाइडलाइन 2025-26 लेटेस्ट अपडेट। #कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों के अनुदान में हुआ संशोधन ✍️✍️विभिन्न HP श्रेणी के ट्रैक्टर पर अलग अलग अनुदान देय है। ✍️अब थ्रेसर/मल्टी क्रॉप थ्रेसर पर SC,ST,लघु व सीमांत किसानों को 2 लाख 25 हजार का अनुदान दिया जाएगा। ✍️वहीं सामान्य श्रेणी के कृषकों को 1 लाख 80 हजार का अनुदान दिया जाएगा। ✍️यह अनुदान राशि 35 BHP व 5HP की क्षमता से अधिक श्रेणी वाले ट्रैक्टर के लिए है। 🚨🚨कृषि यंत्रों के आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है। #agriculture #agricultureimplement  #कृषियंत्र #कृषियंत्रअनुदान

"Rust रोग क्या है? कारण, लक्षण और बचाव के आसान उपाय" "पौधों में Rust रोग से कैसे बचाएं? घरेलू और प्राकृतिक उपाय" "Rust रोग का इलाज: किसान भाइयों के लिए उपयोगी जानकारी

Rust रोग की सम्पूर्ण जानकारी (हिन्दी में) Rust रोग की सम्पूर्ण जानकारी (हिन्दी में)   Rust रोग  एक फफूंदजनित (fungal) रोग है जो मुख्यतः फसलों और पौधों में होता है। यह रोग कई प्रकार की फसलों जैसे गेहूं, चना, जौ, मूंगफली, तिल, अरहर आदि को प्रभावित करता है। यह रोग पौधों की पत्तियों, तनों और कभी-कभी फल व फूलों पर भी हमला करता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस रोग के बारे में। 1. रस्ट रोग क्या है? Rust रोग एक प्रकार का फफूंद (fungus) जनित संक्रमण है, जो पौधे की सतह पर जंग जैसे धब्बों के रूप में दिखता है। यह रोग पौधे की वृद्धि को बाधित करता है और उपज में भारी कमी ला सकता है। 2. रस्ट रोग के प्रकार (Types of Rust): मुख्यतः तीन प्रकार के रस्ट रोग होते हैं: पीली रस्ट (Yellow Rust / Stripe Rust): पीली धारियों के रूप में पत्तियों पर फैलता है। गेहूं में आम होता है। भूरी रस्ट (Brown Rust / Leaf Rust): पत्तियों पर छोटे भूरे धब्बे बनते हैं। गेहूं, जौ आदि में होता है। काली रस्ट (Black Rust / Stem Rust): तनों पर काले धब्बे बनते हैं। सबसे खतरनाक रस्ट मानी जात...

"ऑल्टरनेरिया ब्लाइट: फसलों की एक गंभीर बीमारी "फसलों को बचाएं ऑल्टरनेरिया ब्लाइट से "Alternaria Blight की रोकथामAlternaria Blight और नियंत्रण "फसलों की उपज घटा रही है ऑल्टरनेरिया ब्लाइट?

  Alternaria Blight (ऑल्टरनेरिया ब्लाइट) एक फफूंदजनित रोग है, जो विभिन्न प्रकार की फसलों जैसे कि सरसों, टमाटर, बैंगन, आलू, प्याज, मूंगफली, फूलगोभी आदि को प्रभावित करता है। यह रोग फसल की पत्तियों, तनों, फलियों और फलों पर हमला करता है और उपज को भारी नुकसान पहुँचा सकता है। Alternaria Blight की सम्पूर्ण जानकारी (हिन्दी में) 🔬 1. रोग क्या है? यह रोग Alternaria spp. नामक फफूंदी (fungus) के कारण होता है। यह फफूंद पौधों की पत्तियों, तनों, फूलों और फलों पर धब्बों (spots) के रूप में फैलता है। 🌾 2. प्रभावित फसलें: सरसों और राई (Mustard, Rapeseed) टमाटर (Tomato) बैंगन (Brinjal) मूंगफली (Groundnut) गोभी वर्ग की फसलें (Cauliflower, Cabbage) आलू (Potato) प्याज (Onion) 🔍 3. लक्षण (Symptoms): ✅ पत्तियों पर: गोल या अर्द्धगोलाकार भूरे-काले रंग के धब्बे। धब्बों के चारों ओर पीला घेरा (halo)। धब्बों पर छल्लेदार आकृति (target-like concentric rings) दिखाई देती है। पत्तियाँ सूखकर झड़ने लगती हैं। ✅ तनों पर: भूरे या काले रंग के लम्बे-लम्बे धब्बे। ...

Blue Mold Disease (ब्लू मोल्ड रोग) एक फफूंद जनित रोग है, ब्लू मोल्ड डिज़ीज़: फसलों के लिए छुपा हुआ ख़तरा,फसलों की दुश्मन 'ब्लू मोल्ड'

  Blue Mold Disease (ब्लू मोल्ड रोग) एक फफूंद जनित रोग है जो मुख्य रूप से फल-सब्ज़ियों को विशेष रूप से संग्रहण (storage) के दौरान प्रभावित करता है। यह रोग नीला-हरा फफूंद (blue-green mold) लगने के कारण जाना जाता है। यह रोग विशेष रूप से संतरा, नींबू, सेब, नाशपाती, अंगूर तथा अन्य फल और कुछ सब्ज़ियों को भंडारण या ट्रांसपोर्ट के समय प्रभावित करता है। ब्लू मोल्ड डिज़ीज़: फसलों के लिए छुपा हुआ ख़तरा" "ब्लू मोल्ड बीमारी क्या है? कारण, लक्षण और बचाव के उपाय" "ब्लू मोल्ड से बचाएं अपनी फसलें – जानिए असरदार उपाय" "ब्लू मोल्ड डिज़ीज़: किसानों के लिए जरूरी चेतावनी" "फसलों की दुश्मन 'ब्लू मोल्ड' – सम्पूर्ण जानकारी" "ब्लू मोल्ड बीमारी पर नियंत्रण कैसे पाएँ? "ब्लू मोल्ड क्या है और यह आपकी फसलों को कैसे नुकसान पहुँचाती है?" 🔍 ब्लू मोल्ड रोग की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) 🦠 रोग का कारण (Causal Organism): रोगजनक फफूंद: Penicillium italicum कुछ मामलों में: Penicillium expansum 🌿 कहाँ होता है ये रोग? यह रोग कटे, ...

फल के पौधे लगाने के लिए सही तरीका अपनाना जरूरी होता है ताकि वे अच्छे से बढ़ें और भरपूर फल दें। नीचे चरणबद्ध प्रक्रिया दी गई है:

 फल के पौधे लगाने के लिए सही तरीका अपनाना जरूरी होता है ताकि वे अच्छे से बढ़ें और भरपूर फल दें। नीचे चरणबद्ध प्रक्रिया दी गई है:

नवीन उद्यान (New Orchard) की देखभाल के लिए संपूर्ण गाइड.

  नवीन उद्यान (New Orchard) की देखभाल के लिए संपूर्ण गाइड यदि आपने एक नया उद्यान (फल बाग़/बगीचा) लगाया है, तो उसकी सही देखभाल करना बहुत ज़रूरी है ताकि पौधे स्वस्थ रहें और अच्छा उत्पादन दें। नीचे मुख्य देखभाल के तरीके दिए गए हैं: 1. उचित सिंचाई (Watering) नए पौधों को नियमित रूप से पानी देना बहुत ज़रूरी है, खासकर गर्मी के मौसम में। पहले 6 महीने – हर 2-3 दिन में हल्की सिंचाई करें। बरसात के मौसम में – पानी जमा न होने दें, ड्रेनेज का ध्यान रखें। टपक सिंचाई (Drip Irrigation) सबसे बेहतर तरीका है क्योंकि यह पानी की बचत करता है और नमी बनाए रखता है। 2. मिट्टी और खाद (Soil & Fertilizers) मिट्टी को समय-समय पर पलटते रहें ताकि हवा का संचार बना रहे। खाद देने का सही तरीका: प्रारंभिक 3 महीने – जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट) डालें। 6 महीने बाद – नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), और पोटाश (K) युक्त उर्वरक दें। 1 साल बाद – संतुलित उर्वरक और सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक व मैग्नीशियम दें। 3. खरपतवार नियंत्रण (Weed Control) खरपतवार (अनचाही घास) न केवल पोषक तत्व छीनते हैं...

1अप्रैल 2025 से कृषि यंत्रों के ऑनलाइन आवेदन शुरू

1अप्रैल 2025 से कृषि यंत्रों के ऑनलाइन आवेदन शुरू हो रहे हैं अतः पिछले 3 साल में जिन्होंने सब्सिडी का फायदा नहीं लिया है वह किसान नजदीकी ई-मित्र से आवेदन कर सकते हैं। आवशयक दस्तावेज :- 1. जन आधार कार्ड  2. जमाबंदी (पटवारी से प्रमाणित) 3. कोटेशन (जिसमे ट्रैक्टर HP, वजन आदि लिखा होना अनिवार्य है। इस वर्ष की कृषि यंत्र की गाइडलाइन के अनुसार जिन किसान भाईयो ने पिछले तीन वर्ष में कृषि यंत्र पर अनुदान प्राप्त कर लिया है उनको अनुदान नही मिलेगी  विशेष :-  1. कृषि यंत्र की प्रशासनिक स्वीकृति (लॉटरी) जारी होने के 45 दिन के अंदर ही कृषि यंत्र खरीदना अनिवार्य है अन्यथा 45 दिन पश्चात विभाग आपकी पत्रावली को निरस्त कर सकने के लिए स्वतंत्र रहेगा। विशेष सूचना 2. *प्रशासनिक स्वीकृति (लॉटरी) के जारी होने से पूर्व खरीदे गए कृषि यंत्रों पर किसी भी प्रकार से अनुदान नही दिया जायेगा।*  विशेष :- किसी भी कृषि यंत्र का आवेदन करते समय आपके ट्रैक्टर की HP के अनुसार ही ऑनलाइन आवेदन फार्म में HP का चयन करे क्योंकि 20 HP से कम, 20 से 35 HP तक और 35 HP से अधिक के ट्रैक्टर पर अनुदान राशि अलग अलग दे...

किसान भाई दोस्त और दुश्मन कीटो को पहचाने दोस्तो को मारें नही बचाएं

किसान भाई दोस्त और दुश्मन कीटो को पहचाने दोस्तो को मारें नही बचाएं किसान भाई ने पूछा कि इस कीट की वजह से फसल को नुकसान हो रहा है मैंने उन्हें बताया कि इस कीट की वजह से आपको बहुत फायदा हो रहा है  ये कीट आपकी फसल को नही खाता ये सिर्फ चेंपा / अफीड / माहू / हरातेला जैसे कीट को खाकर पेट भरता है  आप उन कीटो को मारने के लिए स्प्रे करते यदि लेडी बीटल जैसे कीट आपके खेत मे आएंगे तो माहू और चेंपा को बिना दवाई के ही मार देंगे  ये कीट आपकी फसल के लिए लाभदायक है आप इन्हें बचाएं और दुश्मन कीटो का खत्मा इनसे ही करवाएं 

समर्थन मूल्य पर सरसों-चना खरीद की सभी तैयारियां आरम्भ

समर्थन मूल्य पर सरसों-चना खरीद की सभी तैयारियां आरम्भ किसान 1 अप्रेल से करवा सकेंगे पंजीकरण, 10 अप्रेल से शुरू होगी खरीद : सहकारिता मंत्री 

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