गम्मोसिस रोग (Gummosis Disease) एक पौधों की बीमारी है जो विशेष रूप से फलों के पेड़ों में देखी जाती है,
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Gummosis Disease |
जैसे कि नींबू, संतरा, अमरूद, आम, आड़ू, आलूचा, बेर आदि। इस रोग में पेड़ की छाल से एक चिपचिपा, गोंद जैसा पदार्थ निकलता है, जिसे गम (Gum) कहा जाता है। यह रोग पौधे की तने, शाखाओं या जड़ों को प्रभावित करता है।
🔍 गम्मोसिस रोग के कारण:
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फंगल संक्रमण (Fungal Infection):
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मुख्य रूप से Phytophthora, Botryosphaeria, और Fusarium जैसे कवक (fungi) इस रोग के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
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बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection)
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मैकेनिकल चोट या घाव:
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कटाई-छंटाई के समय गलती से लगी चोट।
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कीड़ों के काटने से बना घाव।
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जल जमाव (Waterlogging):
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अधिक पानी या ग़लत सिंचाई पद्धति।
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खराब पोषण (Poor Nutrition):
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बोरॉन या कैल्शियम की कमी।
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अत्यधिक तापमान और आर्द्रता:
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गर्म और नम मौसम इस रोग को बढ़ावा देता है।
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🔍 लक्षण (Symptoms):
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तने या शाखाओं से गोंद जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलना।
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छाल का फटना या सूजना।
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प्रभावित स्थान पर काला या गहरा धब्बा बनना।
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शाखाएं सूखना शुरू कर सकती हैं।
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पौधे की वृद्धि रुक जाती है।
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फल छोटे और कम हो सकते हैं।
✅ नियंत्रण और उपचार (Control & Treatment):
1. सांस्कृतिक उपाय (Cultural Methods):
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पौधे को जलभराव से बचाएं।
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नियमित छंटाई करें लेकिन घाव ना बनाएं।
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संक्रमित शाखाओं को काटकर जला दें।
2. रासायनिक उपचार (Chemical Control):
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प्रभावित हिस्से को साफ करके बोर्डो पेस्ट (Bordeaux Paste) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (Copper Oxychloride 0.3%) लगाएं।
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मैन्कोज़ेब या कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें।
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घाव पर फंफूदनाशक + बोरिक एसिड का पेस्ट लगाएं।
3. जैविक उपाय (Biological Methods):
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ट्राइकोडर्मा विरिडे (Trichoderma viride) जैसे जैविक कवकरोधी का उपयोग करें।
🌱 रोकथाम के उपाय (Prevention Tips):
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खेत में उचित जल निकासी रखें।
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समय-समय पर पौधों का निरीक्षण करें।
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पौधों को संतुलित खाद दें (विशेषकर बोरॉन और कैल्शियम)।
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साफ-सफाई रखें और औजारों को कीटाणुरहित करें।
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