गेहूं की फसल में ज़िंक डालने से कई फ़ायदे होते हैं
**गेहूं की बेहतर बढ़वार के लिए ज़िंक बहुत ज़रूरी है.
इससे पौधों में हरापन आता है और ज़्यादा कल्लों का फ़ुटाव होता है.
**गेहूं की पैदावार बढ़ जाती है.
ज़िंक डालने से ग्रोथ प्रमोटर डालने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
ज़िंक की कमी से पौधे छोटे रह जाते हैं
और पत्तियां पीले-हरे रंग की हो जाती हैं.
ज़िंक की कमी से फसल पकने में ज़्यादा समय लेती है
**गेहूं की बेहतर बढ़वार के लिए ज़िंक बहुत ज़रूरी है.
इससे पौधों में हरापन आता है और ज़्यादा कल्लों का फ़ुटाव होता है.
**गेहूं की पैदावार बढ़ जाती है.
ज़िंक डालने से ग्रोथ प्रमोटर डालने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
ज़िंक की कमी से पौधे छोटे रह जाते हैं
और पत्तियां पीले-हरे रंग की हो जाती हैं.
ज़िंक की कमी से फसल पकने में ज़्यादा समय लेती है
**गेहूं की फसल में ज़िंक डालने का *तरीका*
जिन खेतों में ज़िंक की कमी हो, वहां पहली जुताई के समय प्रति एकड़ 8 किलो ज़िंक डाल देना चाहिए. इससे 3-4 साल तक ज़िंक की आपूर्ति होती रहेगी.
अगर खड़ी फ़सल में ज़िंक की कमी दिखे, तो अंकुरण के 3 और 5 हफ़्ते बाद 1 किलो ज़िंक सल्फ़ेट (हेप्टाहाईड्रेट) और 1 किलो यूरिया का घोल 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
जिन खेतों में ज़िंक की कमी हो, वहां पहली जुताई के समय प्रति एकड़ 8 किलो ज़िंक डाल देना चाहिए. इससे 3-4 साल तक ज़िंक की आपूर्ति होती रहेगी.
अगर खड़ी फ़सल में ज़िंक की कमी दिखे, तो अंकुरण के 3 और 5 हफ़्ते बाद 1 किलो ज़िंक सल्फ़ेट (हेप्टाहाईड्रेट) और 1 किलो यूरिया का घोल 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
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