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ब्लैक ग्राम (Black Gram) की प्रमुख किस्में: किट रोग व् उपचार

 ब्लैक ग्राम (Black Gram) की प्रमुख किस्में: किट रोग व् उपचार 




ब्लैक ग्राम (Black Gram) की प्रमुख किस्में:

  1. तेंदू पाटी (Tendupati):

    • यह किस्म अधिक उपज देने वाली होती है और इसका फल छोटा और चिकना होता है। यह किस्म हल्की जलवायु में अच्छी तरह उगाई जाती है।
  2. राजस्थानी (Rajasthani):

    • यह किस्म विशेष रूप से राजस्थान में उगाई जाती है। इसके पौधे छोटे होते हैं, और फल की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है।
  3. उदयपुर 1 (Udaipur 1):

    • यह किस्म प्रमुख रूप से राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र में उगाई जाती है। इसमें उच्च गुणवत्ता के दाने होते हैं और अच्छी उपज मिलती है।
  4. बीटी ब्लैक ग्राम (Bt Black Gram):

    • यह किस्म जैविक कीटों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती है और इसमें कीटों से बचाव की क्षमता अधिक होती है।
  5. पंत उरद (Pant Urd):

    • यह किस्म अधिक उपज देने वाली होती है और इसका तना मजबूत होता है। इसके दाने बड़े और चिकने होते हैं।

ब्लैक ग्राम के प्रमुख रोग:

  1. एंथ्रेक्नोज (Anthracnose):

    • इस रोग में ब्लैक ग्राम के पत्तों और तनों पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। इस रोग के कारण फसल का उत्पादन घट सकता है।
    • उपचार: प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें और खेत में मैनकोज़ेब या थायफेनेट-मेथाइल का छिड़काव करें।
  2. फ्यूसारियम विल्ट (Fusarium Wilt):

    • यह रोग ब्लैक ग्राम के पौधों के तनों और पत्तियों पर प्रभाव डालता है, जिससे पौधा मुरझाने लगता है।
    • उपचार: प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें और खेत में कार्बेंडाजिम या कॉपर सल्फेट का छिड़काव करें।
  3. पीला मोल्ड (Yellow Mold):

    • इस रोग में ब्लैक ग्राम की फली पर पीले रंग का मोल्ड लगता है।
    • उपचार: प्रभावित भागों को हटा दें और खेत में बायोफुंगसाइड या मैनकोज़ेब का छिड़काव करें।
  4. पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew):

    • इस रोग में ब्लैक ग्राम के पत्तों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ दिखाई देता है, जो पौधों की वृद्धि को प्रभावित करता है।
    • उपचार: प्रभावित पत्तियों को हटा दें और मैनकोज़ेब या बायोफुंगसाइड का छिड़काव करें।
  5. रूट रॉट (Root Rot):

    • यह रोग गीली मिट्टी में होता है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है।
    • उपचार: खेत में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का छिड़काव करें।

ब्लैक ग्राम के प्रमुख कीट:

  1. ब्लैक ग्राम एफिड (Black Gram Aphid):

    • यह कीट ब्लैक ग्राम के तनों और पत्तियों से रस चूसता है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पत्तियाँ पीली हो जाती हैं।
    • उपचार: एफिड्स से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड या पर्मेथ्रिन का छिड़काव करें। नीम तेल का प्रयोग भी प्रभावी हो सकता है।
  2. ब्लैक ग्राम बोरर (Black Gram Borer):

    • यह कीट ब्लैक ग्राम के तने में सुराख करता है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है।
    • उपचार: स्पिनोरेस या अज़ादिरैक्टिन का छिड़काव करें।
  3. ब्लैक ग्राम लीफहॉपर (Black Gram Leafhopper):

    • यह कीट ब्लैक ग्राम की पत्तियों को खाता है और पत्तियाँ मुरझाने लगती हैं।
    • उपचार: इमिडाक्लोप्रिड या पर्मेथ्रिन का छिड़काव करें।
  4. ब्लैक ग्राम व्हील (Black Gram Weevil):

    • यह कीट ब्लैक ग्राम की फलियों में घुसकर अंडे देता है, जिससे फलियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
    • उपचार: स्पिनोरेस या पर्मेथ्रिन का छिड़काव करें। प्रभावित फलियों को निकालकर नष्ट करें।
  5. ब्लैक ग्राम माइट (Black Gram Mite):

    • यह कीट ब्लैक ग्राम की पत्तियों से रस चूसता है और पत्तियाँ सिकुड़ने लगती हैं।
    • उपचार: पर्मेथ्रिन या स्पिनोरेस का छिड़काव करें।

उपचार के सामान्य उपाय:

  • सिंचाई प्रणाली: ब्लैक ग्राम की फसल में जल निकासी का ध्यान रखें, क्योंकि अधिक पानी रोगों का कारण बन सकता है।
  • फसल चक्र: फसल चक्र का पालन करें, जिससे भूमि में पोषक तत्वों की कमी न हो और रोगों की संभावना कम हो।
  • स्वच्छता: खेतों में घास और अवशेषों को साफ रखें, जिससे कीटों और रोगों की संभावना कम हो।
  • जैविक उपचार: जैविक कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करें जैसे नीम तेल, बायोफुंगसाइड, और बायो कीटनाशक (जैसे बीटी)।

इन उपायों का पालन करके ब्लैक ग्राम की फसल को रोगों और कीटों से बचाया जा सकता है और अधिक और उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त की जा सकती है।

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