फर्टिगेशन (Fertigation) फल के पौधों में कैसे किया जाता है,फर्टिगेशन करने के फायदे,फर्टिगेशन की प्रक्रिया (Step-by-Step Process)
फर्टिगेशन (Fertigation) फल के पौधों में कैसे किया जाता है?
फर्टिगेशन (Fertigation) एक आधुनिक सिंचाई पद्धति है जिसमें पानी के साथ उर्वरकों (Fertilizers) को मिलाकर पौधों की जड़ों तक पहुँचाया जाता है। यह ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिस्टम के माध्यम से किया जाता है, जिससे उर्वरक की बर्बादी कम होती है और पौधे को पोषक तत्व समान रूप से मिलते हैं।
🌱 फर्टिगेशन करने के फायदे
✔ सटीक पोषक तत्व आपूर्ति – पौधों को जरूरत के अनुसार पोषक तत्व मिलते हैं।
✔ पानी और उर्वरक की बचत – कम पानी और कम खाद में अधिक उत्पादन मिलता है।
✔ जल्दी अवशोषण – उर्वरक जड़ों तक सीधे पहुंचते हैं, जिससे पौधे जल्दी बढ़ते हैं।
✔ कम श्रम – खाद डालने के लिए खेत में बार-बार जाने की जरूरत नहीं होती।
🌿 फर्टिगेशन की प्रक्रिया (Step-by-Step Process)
1️⃣ सिंचाई प्रणाली का चयन करें
फर्टिगेशन के लिए सबसे अच्छा तरीका ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) है, क्योंकि इससे पानी और खाद सीधा जड़ों में जाता है।
2️⃣ सही उर्वरक का चयन करें
फर्टिगेशन में केवल वे उर्वरक उपयोग किए जाते हैं जो पानी में 100% घुलनशील हों।
✅ मुख्य उर्वरक (Fertilizers):
उर्वरक का नाम | मुख्य पोषक तत्व | फायदा |
---|---|---|
Urea (यूरिया) | नाइट्रोजन (N) | पत्तियों की बढ़त बढ़ाता है |
DAP | फॉस्फोरस (P) | जड़ों की वृद्धि में सहायक |
Potassium Nitrate (KNO₃) | पोटाश (K) | फूल और फलों की गुणवत्ता सुधारता है |
Magnesium Sulphate (MgSO₄) | मैग्नीशियम (Mg) | पत्तियों को हरा और स्वस्थ बनाता है |
Calcium Nitrate (CaNO₃) | कैल्शियम (Ca) | फलों को गिरने से रोकता है |
Boric Acid (बोरॉन) | बोरॉन (B) | फूलों को टिकने में मदद करता है |
3️⃣ उर्वरक घोल तैयार करें
- पहले उर्वरकों को साफ पानी में अच्छी तरह घोलें।
- उर्वरक का घोल हमेशा फ़िल्टर (छानकर) करके ही ड्रिप सिस्टम में डालें, ताकि पाइप बंद न हों।
4️⃣ फर्टिगेशन शेड्यूल (Fertigation Schedule) तैयार करें
फलों के पौधों के लिए उर्वरक देने का सही समय:
फसल की अवस्था | उर्वरक और मात्रा |
---|---|
नया पौधा (0-3 महीने) | 5-10 ग्राम यूरिया + 5 ग्राम DAP प्रति पौधा/सप्ताह |
वृद्धि अवस्था (4-8 महीने) | 20 ग्राम यूरिया + 10 ग्राम पोटाश प्रति पौधा/सप्ताह |
फूल आने का समय | 15 ग्राम कैल्शियम नाइट्रेट + 5 ग्राम बोरॉन प्रति पौधा/सप्ताह |
फल बनने का समय | 25 ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट + 10 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट प्रति पौधा/सप्ताह |
🚨 नोट:
- गर्मी में हल्की मात्रा में उर्वरक दें।
- बरसात में नाइट्रोजन (N) की मात्रा कम करें।
- ठंड में पोटाश (K) की मात्रा बढ़ाएं ताकि पौधे स्वस्थ रहें।
5️⃣ उर्वरक लगाने का तरीका (Application Method)
1️⃣ ड्रिप फर्टिगेशन:
- उर्वरकों को पानी में घोलकर ड्रिप सिस्टम में डालें।
- धीमी गति से खाद पौधे की जड़ों तक पहुँचती है।
2️⃣ स्प्रिंकलर फर्टिगेशन:
- स्प्रिंकलर से उर्वरक का छिड़काव करें।
- यह छोटे पौधों के लिए उपयुक्त है।
⚠️ फर्टिगेशन में ध्यान रखने योग्य बातें
🔹 अधिक मात्रा में उर्वरक देने से जड़ें जल सकती हैं।
🔹 सुबह या शाम को ही फर्टिगेशन करें, दोपहर में न करें।
🔹 ड्रिप सिस्टम को साफ रखें ताकि कोई रुकावट न हो।
🔹 हर 15-20 दिन में पानी की पीएच वैल्यू (pH 6-7) चेक करें।
🔹 हमेशा 100% घुलनशील उर्वरकों का ही उपयोग करें।
निष्कर्ष
फर्टिगेशन आधुनिक और प्रभावी तरीका है जिससे पौधों को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं।
यह सटीक, किफायती और फसल के लिए फायदेमंद है।
यदि आप किसी विशेष फल के पौधों के लिए फर्टिगेशन शेड्यूल जानना चाहते हैं, तो मुझे बताएं! 😊🍎🌱
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