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Functions of Nitrogen. Disadvantages. deficiency symptoms.नाइट्रोजन के कार्य।हानियां। कमी के लक्षण .


functions of nitrogen


 1. Nitrogen is the main constituent element in the composition of green color, amino acids, proteins, nucleic acids, R NA, DNA, enzymes, protoplasm in the leaf. Amino acids and organic matter are formed from nitrogen in the plant.


 2. Nitrogen forms the cell wall.


 3. The size of the cell increases.


 4. The use of phosphorus and potassium increases with nitrogen.


 5. Vegetables with leaves get sticky.


 6. Nitrogen increases the amount of protein in fodder and grain crops.


 7. The grains become thick and pulpy.


 8. Increases the vegetative growth of the plant.


 loss of nitrogen


 1. Crops ripen late.


 2. There is a decrease in weight.


 Pests and diseases increase in 3. plants.


 4. Due to the softness of plants, they cannot tolerate drought and frost. And the power decreases.


 5. There is a decrease in the storage properties.


 6. The growth of tuber crops is more and the yield of tuber is less.


 7. Plants start growing and falling.


 8. The amount of straw increases as compared to grain.


 symptoms of nitrogen deficiency


 1. First come to the lower leaves of money. Then it gets affected on the upper side and dries up.


 2. Slight yellowing appears in the plants.


 3. The plants go on being sown.


 4. Flowers don't grow on the plant and work gets done.


 In the crop having 5. buds, the buds are less burst.


 6. Leaves turn white due to excess of nitrogen.


 7. Fruits fall.


 8. Protein percentage is less.


 Measures to remove nitrogen deficiency


 Various sources can be used to overcome the deficiency of nitrogen. Like urea, farmer manure, ammonium sulphate, and other organic fertilizers and you can also use organic fertilizers. नाइट्रोजन के कार्य

1 . पत्ती मे हरे रंग,अमीनों अम्ल, प्रोटीन,न्यूक्लिक अम्ल, R NA, DNA, enzymes, जीवद्रव्य की रचना में नत्रजन मुख्य संघटक तत्व है। पौधे में नत्रजन से अमीनों अम्ल व जीव द्रव्य का निर्माण होता है

2. नत्रजन से कोशिका भिती का निर्माण होता है।

3. कोशिका का आकार बढता है।

4. नत्रजन से फास्फोरस व पोटेशियम का उपयोग बडता है 

5. पत्तियों वाली सब्जियों में सरसता आ ती है।

6 . चारे व दानों वाली फसलों में प्रोटीन की मात्रा को नत्रजन बडा देता है

7. दाने मोटे व गूदेदार बनते हैं।

8 . पोधे की वानस्पतिक बडवार को और बडा देता है।

नत्रजन अधिक देने से हानिया

1. फसल देर से पकती हैं।

2. वजन में कमी आती है।

3. पौधों में कीट व बिमारी बड जाती है।

4 . पौधों में कोमलता होने के कारण सूखा व पाला सहन नहीं कर पाती। व शक्ति कम हो जाती है।

5. भण्डारण गुणों में कमी आ जाती है।

6. कन्द वाली फसलों में वृद्धि अधिक व कन्द की उपज कम हो जाती है।

7. पोधे बडते व गिरने लग जाते हैं।

8. दाने की अपेक्षा भूसे की मात्रा बड जाती है।

नत्रजन की कमी के लक्षण

1 . सबसे पहले पैसे की निचली पत्तियों में आते हैं। फिर अपर की ओर प्रभावित होती है व सूख जाती है।

2. पौधों में हल्का पीलापन दिखाई देता है।

3 . पौधे बोने रहा जाते हैं।

4. पोधे पर फूल नहीं बनते व काम बनते हैं।

5. कल्लो वाली फसल में कल्ले कम फूटते हैं।

6. नत्रजन की अधिकता से पत्तीया सफेद जो जाती है।

7. फल गिर जाते हैं।

8. प्रोटीऩ प्रतिशत कम होती है।

नत्रजन की कमी को दूर करने के उपाये

नत्रजन की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न स्त्रोत काम में लिए जा सकते हैं। जैसे यूरिया, किसान खाद, अमोनियम सल्फेट, व अन्य जैविक खाद तथा आप जैव उर्वरक भी काम ले सकते हैं।

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