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रबी के मोसम में होने वाली सभी फसलो की जानकारी और उस में होने वाली बीमारियों की कुछ जानकारी आप आप के लिए यहाँ पर ले कर आये है
आज हम रबी की फसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते आप को बताने वाले है
जेसे
- मोसम जानकारी
- बीज की जानकारी
- बीज दर की जानकारी
- खेत की तेयारी
- खाद व उर्वरक की जानकारी
- कीटनाशक की जानकारी
- खरपतवार नियन्त्रण की जानकारी
- फसल में सिचाई की अवस्था
- फसल की कटाई की अवस्था
- फसल भण्डार की व्यवस्था
- बेचने का सही समय
आदि
जेसे की सभी किसान अभी इस मोसम में अपनी रबी की फसल की तेयारी में लगे हुए है और बहुत से किसान अभी धान की कटाई में व्यस्त है कही कही जहां पर पानी नही गिरा व कम गिरा है वहां पर किसान सरसों मटर,लहसुन की बुआई करने में लग चुके है या खेत की तेयारी कर रहे है |
कही किसान फसल को अगेती बुआई कर के फसल को जल्दी बेच देते है व अच्छा मुनाफा कमा लेते है टी बहुत से किसानो के नुकसान भी लग जाता है आज इसी नुकसान को देखते हुये हम इस मोसम की फसलो की जानकारी आप तक ले क्र आये है जेसे की हम ने कुछ बिंदु उपर दिए हैजो आप की फसल में महत्वपूर्ण भूमिका निभते है ये जरूरी है तो आइये हम इन सब को विस्तार से जाने
मोसम जानकारी -
सभी किसनो को मोसम की जानकारी होना बहुत जरूरी है क्यू की बिना मोसम की जानकारी के अगर आप रबी की फसल जेसे चना,मसूर,सरसों,धनिया,जीरा, लगा दोगे तो आप की फसल का समाप्त होना समान्य बात होगी और इस में आप को बीज के साथ और भी हानियों का सामना करना पड सकता इसी समस्या को देखते हुए मोसम विभाग ने मोसम की जानकारी के लिए किसान सेवा केन्द्रों में मोसम सुचना यंत्र व मोबइल में weather ऑनलाइन क्र दिया है इस तकनीक से आप अपने क्षेत्र के मोसम को लाइव देख सकते है साथही आने वाले मोसम परिवर्तनों को रिपोर्ट भी आप के मोबाईल में आसानी से मिल सकती है
और अधिक मोसम जानकारी के लिए यहाँ click करे
बीज की जानकारी -
रबी के मोसम मेंकिसान को बीज की जानकारी होनाजरूरी इस लिए है क्यू की खरीफ में मोसम में बारिस अधिक होती है जिस कारण जमीन में नमी की मात्रा अधिक होती है और बीजो के उगने में समस्या आती है ये समस्या पुरे विश्व में फेल चुकी है और इस का मुख्य कारण बीज में आनुवंसिक गुणों की कमी के साथ अच्छी किस्म का प्रयोग नही करने से हुआ है
कृषि विभाग ने अच्छी किसम के बीजो के लिए प्रत्येक राज्य व जिले में किसान सेवा केंद्र व वितरण केब्द्र खोल रखे है जिनका मुख्य कार्य किसानो को कम मूल्य लागत में बीज उपलब्ध करवाना है
बीज की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहा पर click करे
बीज दर की जानकारी -
सभी किसनो के लिए हम ने कुछ रबी की फसलो की बीदर यहाँ पर दी है
यहाँ पर दी गई पूरी जानकारी kg / hectorपर है |
गेहू- 75-100 kg
जो- 75-100 kg
चना- 60-80 kg
मटर- 75 -100 kg
अलसी- 15-18 kg
तारामीरा- 4-5 kg
सरसों- 4-5 kg
लहसुन- 4-6 qu. / हेक्टर
धनिया- 15-20 kg
मेथी- 20-25 kg
और अधिक जानने के लिए यहाँ click करे
खेत की तेयारी-
सभी किसान रबी की फसल के लिए खेतसभी एकसमान तेयार करते है किन्तु कुछ फसलो के लिए खेत अलग तरीके से तेयार किये जाते है जिन में कुछ फसले जेसे लहसुन,सरसों,चना,मसूर,मटर,इस प्रकार की फसलो में खेत में नमी की मात्रा की अधिक ध्यान रखा जाता है
इन फसलो की बुआई से फसले दो बार अच्छी तरह पाटा लगाके अछे से खेत की जुताई करे और 5 से 8 दिन तक खेत को खुला छोड़ दे उस के बाद बुआई से 3 से 4 दिन पहले कुछ खाद जो मिलानी हो खेत में डाल दे और छोड़ दे उस के बाद ही खेत में बुआई करे |
खाद व उर्वरक की जानकारी -
आप सभी को पता है सभी फसलो में खाद व उर्वरक की पोधे को अती आवश्यकता होती है जो पोधे को जरूरी है यही खाद की मात्रा के लिए आप के लिए एक टेबल है उस में फसल के अनुसार खाद की मात्रा देके
टेबल
कीटनाशक की जानकारी
जेसे की सभी किसानो को पता है और बहुत सारे किसानो को नही भी तो हम उन को बता दे की रबी के मोसम में फसलो में किट और बिमारिय कोन कोण सी आती है आज हम उन सब को फसल अनुसार सारे कीटनाशक की जानकारी हम आप को बताने वाले है जो आप की रबी के मोसम में आने वाले है और कितना नुकशान करते है
गेहू,जो-
चना
सरसों
धनिया,
मेथी,
अन्य बीमारियों की जानकारी के लिए यहा पर click करे
खरपतवार नियन्त्रण की जानकारी
सभी फसलो में कीटनाशक अलग अलग किये जाते है जे सकरी पत्ती वाले व चोडी पत्ती वाले खरपतवार नाशी इन का प्रयोग अलग अलग समय मेंकिया जाता है जोमात्रा केअनुसारसभी फसलो में भिन्न है
आज हम आप को रबी की फसलो में होने वाले खरपतवारनाशी के कुछ उदाहरण बताने वाले जो आप की फसल को खरपतवार मुख्त रखेगे |
फसल | मुख्य खरपतवार |
---|---|
गेहूँ एवं जौ | मंड़ूसी या गेहूँसा, बथुआ, कृष्णनील, चटरी-मटरी, गेगला, मुनमुना, हिरनखुरी, सैंजी, प्याजी, कंटीली, जंगली जई, मोथा व दूब घास |
चना, मटर एवं मसूर | बथुआ, कृष्णनील, चटरी-मटरी, गेगला, हिरनखुरी, गजरी, सैंजी, प्याजी, कंटीली, मोथा व दूब घास |
2-4-d, एट्राजीन,
फसल में सिचाई की अवस्था
रबी के मोसम में सिचाई की प्रमुख अवस्थाये निम्न है जो निचे दी गई सरणी में देखे
अन्य फसलो की सिचाई अवस्था देखने के लिए यहाँ click करे
फसल की कटाई की अवस्था
सभी किसान अपनी फसल की कटाई फसल के पकने पर ही करते है किन्तु कुछ बातो का हमे कटाई के समय ध्यान रखना पड़ता है जेसे
- खेत में खड़ी फल में पिलापन कितना है
- फसल में नमी की मात्रा
- फसल में कडकपन
- फलिया अच्छी सुखी हुई
- खेत में नमीकी मात्रा
- दानो में नमी की मात्रा'
- दानो का कलर ( रंग )
- फसल की कटाई के दोरान फसल की अवधि का जरुर ध्यान रखे कही बार किसान कम उम्र की फसल की कटाई करते है जिस से उपज में काफी कमीआती है
फसल भण्डार की व्यवस्था
फसल को भण्डार में रखते समय कुछ विशेष बातो का ध्यान जरूरी है जो निम्न है
- फसल के दानो में नमी
- कम नमी व अधिक नमी में फसल को भंडार में न रखे
- फसल में नमी का प्रतिशत 8-से 12 ही रखे
- भंडार में नमी कितनी प्रतिशत है
- भंडार में हवा के आनेऔर निकलने के लिए स्थान
- भंडार में तापमान की नियन्त्रण करने के लिए कूलर या फंखे
- चूहों के नियन्त्रण के लिए जिंक फोस्फेट का ही प्रयोग करे
- फसलको जूट के बोर में ही भरे
- औरबोरो को दिवार के पास न रखे
बेचने का सही समय
सभी किसान अपनी फसल को तुरंत बेच देते है या फिर कुछ महीनों बाद इस में किसानो को सही दाम नही मिल पाते और वे अपनी अच्छी फसल को कम दाम पर बेच आय में कमी प्राप्त करते है अगर आप को फसल को तुरंत बेचना है तो फसल की कटाई के 2 - 5 दिन के बाद बेच दे इस में आप को वजन में अच्छा लाभ मिल सकता है किन्तु फसल का सही मूल्य नही मिल पाता इसी कारण बहुत से किसनो को मूल्य सही नही मिलता इस का एक ही कारण है वो रू है आप की फसल की जल्दी कटाई और दानो में नमी की मात्रा कभी कभी किसान जल्दी में कटाई कर के उस को तुरंत बेच देता है इस सबसे अधिक नुकसान सरसों में व जीरे में लगता है क्यू की रबी के मोसम में ये दोनों फसले नमी के कारण अधिक नुकसान झेलती है और इन के दानो में नमी के कारण तेल की मात्रा कम और दानो में बदबू आने लगती है जो सही नही होते है इस लिए अपनी फसल को अछे से सुखा कर बेच इस तरह आप को दाम भी अछे मिलगे और आप की आय में बडोतरी भी होगी
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