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Agriculture non graduate course in Agriculture nextmefood

Agriculture

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When will be the 1st Seam for B.sc. agriculture for 1st year?
How people had learned farming?



कृषि में गैर स्नातक पाठ्यक्रम के लिए जानकारी

Career in agriculture

12वीं के बाद कृषि में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम

बैचलर डिग्री कोर्स आमतौर पर तीन से चार साल लंबे कोर्स होते हैं जिन्हें न्यूनतम योग्यता के साथ साइंस स्ट्रीम में 10+2 पास करने के बाद लिया जा सकता है। अलग-अलग संस्थानों के कट ऑफ मार्क्स के संबंध में अलग-अलग पात्रता मानदंड हो सकते हैं।

कुछ स्नातक पाठ्यक्रम जिनका आप अनुसरण कर सकते हैं, वे हैं;

  1.     बीएससी कृषि में
  2.     बीएससी बागवानी में
  3.     बीएससी प्लांट पैथोलॉजी में
  4.     बीएससी खाद्य विज्ञान में
  5.     बीएससी डेयरी विज्ञान में
  6.     बीएससी पादप विज्ञान में
  7.     बीएससी कृषि जैव प्रौद्योगिकी में
  8.     बीएससी मत्स्य विज्ञान में
  9.     बीएससी वानिकी में
  10.     होना। या कृषि और खाद्य इंजीनियरिंग में बी.टेक
  11.     होना। या बी.टेक. कृषि सूचना प्रौद्योगिकी में
  12.     कृषि इंजीनियरिंग में बी.ई या बी.टेक
  13.     होना। या बी.टेक. कृषि इंजीनियरिंग में
  14.     होना। या बी.टेक. डेयरी प्रौद्योगिकी में
  15.     होना। या बी.टेक. कृषि और डेयरी प्रौद्योगिकी में

 

डिप्लोमा पाठ्यक्रम

डिप्लोमा आमतौर पर 1-3 साल का एक शॉर्ट टर्म कोर्स होता है जो मुख्य रूप से एक विशेष क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षण देने पर केंद्रित होता है। डिप्लोमा डिग्री आमतौर पर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रदान की जाती है।

आप जिन कुछ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का अनुसरण कर सकते हैं, वे हैं;

  1.     कृषि में डिप्लोमा
  2.     बागवानी में डिप्लोमा
  3.     खाद्य प्रसंस्करण में डिप्लोमा
  4.     डेयरी प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा
  5.     खाद्य प्रसंस्करण में डिप्लोमा

 प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम

प्रमाणन पाठ्यक्रम आम तौर पर उन छात्रों के लिए होते हैं जो डिग्री कार्यक्रमों का लाभ नहीं उठा पाते हैं या अपने करियर में नया ज्ञान और कौशल जोड़ना चाहते हैं। पाठ्यक्रम की अवधि आम तौर पर आपके द्वारा पीछा किए जाने वाले पाठ्यक्रम के प्रकार पर निर्भर करती है।

 उपलब्ध कुछ पाठ्यक्रम हैं;

  1.     जैविक खेती में प्रमाणन पाठ्यक्रम
  2.     डेयरी और कृषि में प्रमाणन कार्यक्रम
  3.     बागवानी में प्रमाणन पाठ्यक्रम
  4.     खाद्य उत्पादन में प्रमाणन पाठ्यक्रम

प्रथम वर्ष के लिए बी B.sc. कृषि के लिए पहला सेमेस्टर कब होगा?

प्रथम वर्ष के लिए बी B.sc. कृषि के लिए पहला सेमेस्टर नवम्बर से लेकर दिसम्बर तक होते ये सेमेस्टर प्रति 6 महीनों में लगातार होते है B.sc agricultureकोर्स को अवधि 4 वर्ष होती है जो डिग्री पूरी होने पर समाप्त हो जति हैयदि किसी कारण कोई छात्र अपनी डिग्री पूरी नही कर पाता है तो उसे अतिरिक्त समय दिया जाता है तो 4 वर्ष बाद मिलता है

लोगों ने खेती कैसे सीखी थी?

लोगों ने खेती करना जानवरों की मदद से सिखा क्यू की खेती में बहुत सी कार्य जो हाथो से सम्भव नही थे वे लोगो ने पशुओ की सहायता से पुरे किये 

जेसे मॉल को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाना 

हल से खेत को जोतना

कुए से पानी निकलना

फसल बुआई करना

कही सारे कामो में पशुओ को काम लिया जाता था 

इसी प्रकारआधुनिक खेती में लोग रूचि लेने लगे और खेती के साथ बहुत सारे काम लोगो ने सुरु किये 

जेसे 

पशु पालन

मुर्गी पालन

मछली पालन

अन्य 

 

Agriculture

Internship  

Freelancing

Rabi crops

Kharif crops 

Fertilizers

Insecticide

Weedicide

Fungicide

Seed treatment

 

Marketing

Field work

Agree business management

Product development  

Article written

Banner design

copy- past

Digital marketing

 

 

latest new 


* भारत का पहला प्री-मिक्स
* प्रकृति से प्रेरित
* भारत में बन्द किये गये  केमिकाल्स की सूचि   

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 



 



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गेहू गेहू व जों  रबी की  फसले है इस कारण इन  दोनों फसलो में उगने वाला खरपतवार भी समान प्रकार का ही उगता है इन के खरपतवार को जड से खत्म नही किया जा सकता है इन फसलो में उगने वाले खरपतवार इस प्रकार है  खेत की जुताई जब खरीफ की फसल की कटाई हो जाती है तो खेत में पड़े अवशेष को जलाये नही व उस अवशेष को खेत में है ही कल्टीवेटर से खेत में मिला दे | इससे खेत में मर्दा की उर्वरक की मात्रा बढ जाती है | खेत की  जुताई 2-3 बार जरुर करे | गेहू की मुख्ये किस्मे 1482,LOK1,4037,4042,DBW303, WH 1270, PBW 723 & सिंचित व देर से बुवाई के लिए DBW173, DBW71, PBW 771, WH 1124,DBW 90 व HD3059 की बुवाई कर सकते हैं। जबकि अधिक देरी से बुवाई के लिए HD 3298  उर्वरक की मात्रा   DAP------ 17 से 20 किलो/बीघा                                 👈 seed treatmeant सोयाबीन यूरिया------25 से 35 किलो/बीघा                                                     👈 जैविक खेती की जानकारी| बुवाई व बीज दर खाली खेत में जुताई के बाद एक बार पिलवा कर 8 से 10 दिन का भथर आने तक छोड़ दे इस से बीज को उगने में आसानी होगी |बीज को खेत में डालने से

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