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how to use Neno uria and benifits, encreas farmer income with lower cost in india

Nano urea IFFCO price,  
IFFCO Nano Zinc price, 
IFFCO Urea 50 Kg price


भारत के किसानों के लिए खुशखबर है, जो भविष्य में कृषि का रुख भी तय करेगी। खेती में यूरिया खाद से जुड़ी समस्याओं के निदान के रूप में नैनो प्रौद्योगिकी आधारित 'यूरिया' का आविष्कार किया गया है। यह जुलाई से उपलब्ध होगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ  अनुसार विश्वविद्यालय और इफको ने नैनो यूरिया विकल्प को अपनाया। इसके निष्कर्ष लाभकारी साबित हुए। न केवल उत्पादकता बढ़ी, बल्कि फसल की गुणवत्ता में भी सुधार आया। पूरी तरह इको फ्रेंडली यह नैनो खाद देशभर के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इफको नैनो बायो टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. रमेश
रलिया ने बताया कि भारत सरकार यूरिया से निरंतर बढ़ रहे खतरे से निजात पाना चाहती है। इसी वजह से नैनो उत्पाद विकसित किया गया।

भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) अगले महीने नैनो यूरिया को बाजार में उतारेगी। 500 मिली नैनो यूरिया, जिसकी कीमत 240 रुपये

सभी  किसानो के लिए एक और खुसखबरी आब आगया है नेनो यूरिया इस महीने आप के पास अब किलो नही लिटर में मिलेगा यूरिया और आसान हुआ यूरिया का प्रयोग अब सीघे स्प्रे कीजिये अपनी फसल में और लीजिये अधिक लाभ वो भी कम कीमत और कम लागत में किसी भी खाद बिज की दुकान से सीधा नेनो यूरिया की मात्र 500 ml प्रति हेक्टर   200 लिटर पानी के साथ मिलाकरस्प्रे करे |

नेनोयूरिया के फायदे 

नोनो यूरिया को प्रोग करना बहुत आसान है ये 500 ml की एक बोतल में आता है इस कारण इस को कोई भी किसान आसानी से बाजार से ला सकता है पहले जेसे बोरी या बेग की आवश्यकता नही जिससे प्लास्टिक प्रयोग में भी कम आएगी व ट्रांसपोर्ट में भी किसान को आसानी रहेगी | व किसान की जेब में खर्च में भी कमी आएगी जिससे किसान की आमदनी बचेगी |

50 फीसदी तक होगी यूरिया की बचत...

कुलपति डॉ  के मुताबिक, किसानों के लिए नैनो यूरिया कम खर्चीली और किफायती साबित होगी। उन्होंने बताया कि एक लीटर के घोल में केवल 2 एमएल नैनो यूरिया काफी होगा। आकलन के अनुसार इस नए उत्पाद से 50 फीसदी तक यूरिया की बचत होगी। अब तक के

कच्चे माल की कमी यूरिया पर सब्सिडी से निजात


प्रयोगों से प्राप्त नतीजों में फसल की उत्पादकता भी 8 से 10 प्रतिशत तक बढ़ी है।
वहीं कृषि डॉक्टर  का कहना है कि यह बेहद इको फ्रेंडली तकनीक है। कृषि डॉ. ने कहा कि यह सुरक्षित टेक्नोलॉजी मिट्टी और पौधों को पोषक तत्व प्रदान करती है।



1 कच्चे माल की कमी व यूरिया पर सब्सिडी से निजात |
2 विदेशी पर निर्भरता विदेशी आयात घटेगी। से जह या।
3 जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के अनुरूप |

नेनो प्रोडक्ट्स

नेनो यूरिया के जेसे ही इसी कम्पनी ने और भी नेनो उत्पाद लांच किये है जो किसानो कीआमदनी में काफी बडोतरी करने वाले है जो किसान के हित में होंगे और प्रयोग में भी आसान होंगे 

नेनो उत्पाद जानने के लिए हमेफोल्लो करे या visit  करे nextmefood.in

 

 

मूंगफली पर नैनो यूरिया का प्रभाव
मूंगफली में नेनो यूरिया बहुत ही कारगर है ये मूंग फली में हरापन व पोधे की ग्रोथ के साथ ही जडो का बहुत अच्छा विकास 
करता है जिसे मुगफली उत्पादन में अच्छा  होता है  

 

 

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New name for the new product Nano urea     - Iffco  uera 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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WHEAT( गेहू )

गेहू गेहू व जों  रबी की  फसले है इस कारण इन  दोनों फसलो में उगने वाला खरपतवार भी समान प्रकार का ही उगता है इन के खरपतवार को जड से खत्म नही किया जा सकता है इन फसलो में उगने वाले खरपतवार इस प्रकार है  खेत की जुताई जब खरीफ की फसल की कटाई हो जाती है तो खेत में पड़े अवशेष को जलाये नही व उस अवशेष को खेत में है ही कल्टीवेटर से खेत में मिला दे | इससे खेत में मर्दा की उर्वरक की मात्रा बढ जाती है | खेत की  जुताई 2-3 बार जरुर करे | गेहू की मुख्ये किस्मे 1482,LOK1,4037,4042,DBW303, WH 1270, PBW 723 & सिंचित व देर से बुवाई के लिए DBW173, DBW71, PBW 771, WH 1124,DBW 90 व HD3059 की बुवाई कर सकते हैं। जबकि अधिक देरी से बुवाई के लिए HD 3298  उर्वरक की मात्रा   DAP------ 17 से 20 किलो/बीघा                                 👈 seed treatmeant सोयाबीन यूरिया------25 से 35 किलो/बीघा                                                     👈 जैविक खेती की जानकारी| बुवाई व बीज दर खाली खेत में जुताई के बाद एक बार पिलवा कर 8 से 10 दिन का भथर आने तक छोड़ दे इस से बीज को उगने में आसानी होगी |बीज को खेत में डालने से

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