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commercial crops sowinge farmers take care of fields in Telugu?

    The major crops can all be divided into four main categories depending on their usage.  commercial crops a commercial crops of assam a  commercial crops of rajasthan a commercial crops in india a commercial crops examples a commercial crops meaning commercial crops list best commercial crops in karnataka  commercial crops names commercial crops meaning in hindi   commercial crops ऐसी क्रॉप्स जिनको को केवल बाजार में बेचने या अपने व्यवसाय में उपयोग करने के लिए  उगाया जाता है व उन से आय के साथ मुनाफा भी कमाया जाता है commercial crops होती है जेसे नकदी फसले  (केस क्रॉप ),भोजन वाली ( फ़ूड क्रॉप ) या खाद्यान्न फसले ,प्लांटेशन क्रॉप ,horticulture क्रॉप्स, case क्रॉप्स - कपास,तम्बाकू,गन्ना, जूट, फ़ूड क्रॉप्स - wheat गेहू ,maize मक्का,धान,मिल्लेट्स,एंड pulses  प्लांटेशन क्रॉप्स - coffee,coconut,tea,ruber, horticulture क्रॉप्स - फ्रूट्स एंड  वेजिटेबल   a  commercial crops of rajasthan एंड assam  राजस्थान में मुख्य  commercial crops कपास व तम्बाकू जो राजस्थान में उगाई जाती है ये दोनों फसले राजस

सीरियल क्रॉप्स Organic farming,How does organic farming has brought a change in income?

Organic farming Organic farming in Krishna delta area How does organic farming has brought a change in income? Can we use methane in organic farming?  सीरियल क्रॉप्स की उपज अधिक तथा दलहनी फसल के उपज कम क्यो होती हैं  सीरियल क्रॉप्स   सीरियल क्रॉप्स की उपज के कारण श्री विधि से धान की खेती कैसे करें  धान की अधिक पैदावार के उपाय  श्री विधि क्या है  कृषि कैसे की जाती है पुराने जमाने में खेती कैसे होती थी धान की रोपाई कृषि के बारे में जानकारी   सीरियल क्रॉप्स की उपज अधिक आती है दलहनी क्रॉप्स से क्यू की सीरियल क्रॉप्स में सघनता अधिक होती है  जेसे की आप कको पता है की सीरियल क्रॉप्स गेहू,जो,मक्का,बाजरा,धान, आदि है वेसे ही दलहनी क्रॉप्स चना, मूंग,उडद,अरहर,मसूर,है इन फसलो में रबी व खरीफ दोनों तरह की क्रॉप्स है जो दोनों मोसम में बोई जाती  है दलहनी फसल से सीरियल क्रॉप्स की उपज इस लिए भी अधिक आती है क्यू की दलहनी फसलो को पानी की  आवश्यकता कम होती है और इन को अधिकतर सूखे इलको व क्षेत्रो में उगाया जाता है इस कारण इन को पोषक तत्व समान मात्रा में नही मिल पाते है जिस कारन इनकी उपज भार कम होती है वही द

seed dormancy सीड डोरमेंसी को दूर करने में उपयोग की जाने वाली विधियों

  seed dormancy  सीड डोरमेंसी क्या है और सीड डोरमेंसी को दूर करने में उपयोग की जाने वाली विधियों का वर्णन   जीवित बीजो को अंकुरण के लिए आवश्यक सभी दशायेउपलब्ध होने पर भी अंकुरण नही होना बीज की सुसुप्था अवस्था कहलाती है  बीजो में सुसुप्था अवस्था आन्तरिक तथा  बाहरी कारणों से होंती है  जंगली जाई  में तीन प्रकार की सुसुप्था अवस्था पाई जाती है             सीड डोरमेंसी को दूर करने में उपयोग की जाने वाली विधिया  खुरचना ( scarification) बीज की भरी परत को रसायनिक, यांत्रिक एवम्  तापीय विधियों द्वारा तोड़ने या खुरचते है जीससे बीजो का सख़त आवरण टूटने से पानी एवम गेस का विनिमय होता है  KNO3 ( 1-3 % ) घोल --- बिच की बाहरी परत को  तोड़ने का काम में लेते है  थायो यूरिया (1%) एवम GA के छिडकाव से आलू की सीड डोरमेंसी को दूर करना (सुसुप्था अवस्था) स्ल्फुरिक एसिड से कपास बीजो (1  : 10 ) को 20 मिनट तकउपचारित कर सकत आवरण हटाते है  गर्म जल द्वारा -75 से 100 * C  चिलिंग तापमान से उपचारित करना ( stratification) इस विधि मेंबीजो को बोने से पूर्व 2-8*C तापमान में 12 -24 घन्टे तक रखते है सीड व प्लांटर में अंतर स