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बिना ज़हर के कीट नियंत्रण – Spinosad का चमत्कारी असर, Spinosad Spray Guide: सुरक्षित, असरदार और जैविक कीट प्रबंधन का तरीका

Spinosad (स्पाइनोसैड) की पूरी जानकारी दी गई है — उपयोग , प्रयोग विधि , और एक आकर्षक ब्लॉग टाइटल के साथ: 🧪 Spinosad का उपयोग : Spinosad एक जैविक स्रोत से बना कीटनाशक है, जो Saccharopolyspora spinosa नामक बैक्टीरिया से तैयार किया जाता है। यह कीटों की तंत्रिका प्रणाली पर असर डालकर उन्हें जल्दी मारता है। मुख्य रूप से यह छेदक और चूसक कीटों जैसे: फल छेदक (Fruit borer) हीरा कीट (Diamondback moth) थ्रिप्स पत्ती खाने वाले कीट कैटरपिलर (Lepidopteran larvae) पर असरकारी होता है। फसलें: सब्जियाँ (टमाटर, मिर्च, गोभी), फल, कपास, मक्का, और बागवानी फसलें ⚗️ Spinosad की प्रयोग विधि : फसल लक्षित कीट मात्रा (ml प्रति लीटर पानी) प्रयोग विधि टमाटर/मिर्च फल छेदक, थ्रिप्स 0.3 – 0.5 ml फूल आने या फल बनने के समय छिड़काव गोभी हीरा कीट, कैटरपिलर 0.5 ml कीट दिखने पर या 10 दिन के अंतराल में कपास पत्ती खाने वाले कीट 0.5 ml सुबह या शाम के समय स्प्रे करें फलदार पौधे थ्रिप्स, फल मक्खी 0.4 – 0.6 ml ज़रूरत अनुसार 2–3 बार छिड़काव करें ✅ खास बात: Spin...

Lambda-cyhalothrin: फसल सुरक्षा का आधुनिक हथियार – जानिए उपयोग और फायदे, Lambda-cyhalothrin Spray Guide: असरदार कीट नियंत्रण का स्मार्ट तरीका

Lambda-cyhalothrin (लैम्ब्डा-साइहैलोथ्रिन) की पूरी जानकारी दी गई है — उपयोग , प्रयोग विधि , और एक बढ़िया ब्लॉग टाइटल के साथ: 🧪 Lambda-cyhalothrin का उपयोग : Lambda-cyhalothrin एक संपर्क और पेट क्रिया वाला पायरेथ्रॉइड कीटनाशक है, जो कीटों की तंत्रिका प्रणाली को प्रभावित करता है और उन्हें जल्दी मारता है। यह मुख्यतः छेदक और चबाने वाले कीटों जैसे तना छेदक, फल छेदक, पत्ती लपेटक, थ्रिप्स, और एफिड्स के नियंत्रण में उपयोग होता है। फसलें: धान, कपास, मक्का, गेहूं, सब्जियाँ, और फलदार वृक्ष ⚗️ प्रयोग विधि : फसल लक्षित कीट मात्रा (ml प्रति लीटर पानी) प्रयोग विधि धान तना छेदक, पत्ती लपेटक 0.5 – 1.0 ml फूल आने से पहले स्प्रे करें कपास थ्रिप्स, सफेद मक्खी 0.6 – 0.8 ml सुबह या शाम को पत्तियों पर छिड़काव सब्जियाँ फल छेदक, हीरा कीट 0.5 – 0.75 ml 7–10 दिन के अंतराल पर स्प्रे मक्का तना छेदक 0.75 – 1.0 ml कीट दिखते ही स्प्रे करें 🧴 ध्यान दें : स्प्रे हमेशा साफ पानी से करें। पूरे पौधे को अच्छी तरह भिगोएँ, ताकि कीटनाशक की पहुँच सभी हिस्सों तक हो। ...

गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका नियंत्रण | Rose Diseases in Hindi

गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उनका नियंत्रण | Rose Diseases in Hindi गुलाब की फसल में रोग गुलाब की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग 1. झुलसा रोग (Black Spot) लक्षण: पत्तियों पर काले गोल धब्बे, पत्तियाँ पीली होकर झड़ने लगती हैं। नियंत्रण: रोगग्रस्त पत्तियाँ हटाएँ, मैनकोजेब 0.2% का छिड़काव करें। 2. चूर्णी फफूंदी (Powdery Mildew) लक्षण: पत्तियों और कलियों पर सफेद चूर्ण जैसा फफूंद। नियंत्रण: वेटेबल सल्फर 0.3% का छिड़काव करें। 3. तना गलन (Stem Canker) लक्षण: तनों पर भूरे/काले धब्बे, शाखाएँ सूख जाती हैं। नियंत्रण: संक्रमित भाग काटें और बोर्डो पेस्ट लगाएँ। 4. पत्ती धब्बा रोग (Leaf Spot) लक्षण: पत्तियों पर भूरे-काले धब्बे, पत्तियाँ गिर जाती हैं। नियंत्रण: कार्बेन्डाजिम या मैनकोजेब का छिड़काव करें। 5. जड़ सड़न (Root Rot) लक्षण: पौधा पीला पड़ता है, जड़ें सड़ जाती हैं। ...

सामान्य कृषि कीटनाशक रसायनों, kjheti me pryog hone wale pesticide.

यहां सामान्य कृषि कीटनाशक रसायनों  की एक वर्गीकृत सूची दी गई है , जो प्रकार (कीटनाशक, शाकनाशी, कवकनाशी, आदि) के आधार पर समूहीकृत हैं: 🐛 कीटनाशक (कीटों को मारें) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी Chlorpyrifos डर्सबन, लोर्सबन एसिटाइलकोलिनेस्टरेज़ अवरोधक मेलाथियान फ़्यफ़नॉन organophosphate imidacloprid विश्वासपात्र, प्रशंसा नियोनिकोटिनोइड साइपरमेथ्रिन रिपकॉर्ड, सिम्बुश पाइरेथ्रोइड लैम्डा-cyhalothrin कराटे, योद्धा पाइरेथ्रोइड स्पिनोसैड सफलता, ट्रेसर कीट तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है 🌿 शाकनाशी (खरपतवार को मारने वाले) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी ग्लाइफोसेट बढ़ाना ईपीएसपी सिंथेस अवरोधक 2,4 डी वीडोन, एक्वा-क्लीन सिंथेटिक ऑक्सिन atrazine एट्रेक्स, एट्राटाफ प्रकाश संश्लेषण अवरोधक पैराक्वाट Gramoxone फोटोसिस्टम I इलेक्ट्रॉन डायवर्टर Pendimethalin स्टॉम्प माइक्रोट्यूब्यूल अवरोधक 🍄 कवकनाशक (कवक को मारें) रासायनिक नाम सामान्य ब्रांड नाम कार्रवाई की विधी Ma...

सब्जियों की बीमारियां और समाधान.

सब्जियों की बीमारियां और समाधान सब्जियों को बीमारियों से कैसे बचाएं? जानिए प्रमुख रोग और उनके समाधान! क्या आपकी सब्जियों में पत्तियां पीली पड़ रही हैं? फल समय से पहले सड़ रहे हैं? यह सब्जियों में लगने वाली बीमारियों का संकेत हो सकता है। सही जानकारी और इलाज से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं! सब्जियों में लगने वाली प्रमुख बीमारियां और बचाव के उपाय: डैम्पिंग-ऑफ (Damping Off): लक्षण: बीज जमने के तुरंत बाद पौध मर जाती है। बचाव: बीज को ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें और मिट्टी की नमी संतुलित रखें। पत्ती झुलसा (Leaf Blight): लक्षण: पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे। बचाव: रोगग्रस्त पत्तियां हटाएं और कार्बेन्डाज़िम का छिड़काव करें। भभूका (Powdery Mildew): लक्षण: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ। बचाव: सल्फर आधारित दवा का छिड़काव करें। फलों का सड़ना (Fruit Rot): लक्षण: फल काले होकर सड़ने लगते ...

पाउडरी मिल्ड्यू रोग (Powdery Mildew) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में)

  पाउडरी मिल्ड्यू रोग (Powdery Mildew) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) (Powdery Mildew) 🌿 पाउडरी मिल्ड्यू क्या है? पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) एक प्रकार का कवकीय (Fungal) रोग है, जो पौधों की पत्तियों, तनों, फूलों और फलों पर सफेद पाउडर जैसी परत बनाकर फैलता है। यह रोग कई प्रकार की फसलों जैसे टमाटर, भिंडी, मिर्च, अंगूर, आम, गेहूं, मूंगफली, और फूलों की प्रजातियों को प्रभावित करता है। 🦠 रोग का कारक (Pathogen): इस रोग के कई प्रकार के कवक (Fungi) ज़िम्मेदार होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं: Erysiphe cichoracearum Oidium spp. Sphaerotheca fuliginea Leveillula taurica हर फसल के लिए अलग-अलग फफूंद होती हैं, लेकिन लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। 🔍 लक्षण (Symptoms): पत्तियों की सतह पर सफेद या ग्रे रंग की पाउडर जैसी परत। ग्रसित पत्तियाँ पीली होकर मुरझाने लगती हैं। फूल और फल प्रभावित होकर गिर सकते हैं या खराब हो सकते हैं। पौधे की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन कम हो जाता है। 🌦 रोग फैलने की स्थिति: गर्म और शुष्क मौसम में तेज़ी से फैलता है। उच्च आद्रता (...

एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में)

  एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose Disease) की संपूर्ण जानकारी (हिन्दी में) Anthracnose Disease 🌿 एन्थ्रेक्नोज क्या है? एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) एक गम्भीर कवकीय (फफूंदीजनित) रोग है जो कई प्रकार की फसलों जैसे आम, मिर्च, टमाटर, पपीता, कपास, सेम, अंगूर, खीरा, और दलहनी फसलों को प्रभावित करता है। यह रोग पत्तियों, तनों, फलों और शाखाओं पर गहरे धब्बों के रूप में दिखाई देता है। 🦠 रोग का कारक (Pathogen): इस रोग का मुख्य कारक एक कवक है: Colletotrichum spp. (जैसे Colletotrichum gloeosporioides , C. lindemuthianum , आदि) 🔍 लक्षण (Symptoms): 📌 पत्तियों पर: शुरू में छोटे, गोल या अनियमित भूरे से काले धब्बे। धब्बों के चारों ओर पीला किनारा। गंभीर अवस्था में पत्तियाँ मुरझा कर गिरने लगती हैं। 📌 तनों और शाखाओं पर: डार्क या काले रंग के धब्बे या गड्ढे बन जाते हैं। शाखाएं सूख सकती हैं। 📌 फलों पर: काले, धंसे हुए धब्बे जिनमें केंद्र में गुलाबी से नारंगी रंग का फफूंदीय विकास। फल जल्दी सड़ने लगते हैं और गिर सकते हैं। 🌦 रोग फैलने की स्थिति: अधिक नमी, वर्ष...

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