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top State Agricultural Universities in india ,best indian agriculture collage

State Agricultural Un iversities Andhra Pradesh 1 Acharya NG Ranga Agricultural University, Guntur 2 Dr. YSRHU (APHU), Venkataramannagudem 3 Sri Venkateswara Veterinary University, Tirupati Assam 4 Assam Agricultural University, Jorhat Bihar 5 Bihar Agricultural University, Sabour, Bhagalpur 6 Bihar Animal Sciences University, Patna Chhattisgarh 7 Indira Gandhi Krishi Viswa Vidhyalaya, Raipur 8 Chhattisgarh Kamdhenu Visvavidyalaya, Durg Gujarat 9 Sardar Krushinagar Dantiwada Agricultural University, Dantiwada 10 Anand Agricultural University, Anand 11 Navsari Agricultural University, Navsari 12 Junagarh Agricultural University, Junagarh 13 Kamdhenu University, Gandhinagar Haryana 14 Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University, Hisar 15 Lala Lajpat Rai University of Veterinary & Animal Sciences, Hisar 16 Haryana State University of Horticultural Sciences, Karnal  Himachal Pradesh 17 Ch. Sarwan Kumar Himachal Pradesh Krishi Viswavidyalaya, Palampur 18 Dr. Yaswant Singh Par
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गेहूं की फसल में ज़िंक डालने से कई फ़ायदे होते हैं

गेहूं की फसल में ज़िंक डालने से कई फ़ायदे होते हैं   **गेहूं की बेहतर बढ़वार के लिए ज़िंक बहुत ज़रूरी है.      इससे पौधों में हरापन आता है और ज़्यादा कल्लों का फ़ुटाव होता है.  **गेहूं की पैदावार बढ़ जाती है.       ज़िंक डालने से ग्रोथ प्रमोटर डालने की ज़रूरत नहीं पड़ती.      ज़िंक की कमी से पौधे छोटे रह जाते हैं और पत्तियां पीले-हरे रंग की हो जाती हैं.      ज़िंक की कमी से फसल पकने में ज़्यादा समय लेती है **गेहूं की फसल में ज़िंक डालने का *तरीका*     जिन खेतों में ज़िंक की कमी हो, वहां पहली जुताई के समय प्रति एकड़ 8 किलो ज़िंक डाल देना चाहिए.          इससे 3-4 साल तक ज़िंक की आपूर्ति होती रहेगी.     अगर खड़ी फ़सल में ज़िंक की कमी दिखे, तो अंकुरण के 3 और 5 हफ़्ते बाद 1 किलो ज़िंक सल्फ़ेट              (हेप्टाहाईड्रेट) और 1 किलो यूरिया का घोल 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

लहसून एक नगदी मसाले की फसल है | लहसून की बीजदर | लहसून के लिए एक हैक्टर खेत की खाद व उर्वरक

लहसून एक नगदी मसाले की फसल है जिसका उपयोग अचार,चटनी,केचप व सब्जी बनाने के काम आता है  लहसून की बीजदर :-    5-6 कुन्टल प्रति हैक्टर(बीजोपचार अवश्य करे)* * **लाइन से लाइन की दूरी 15 सेमी. व पौधे से पौधे की दूरी 7 सेमी. रखकर बुवाई करे !** लहसून के लिए एक हैक्टर खेत की खाद व उर्वरक की मात्रा👇* * 1.बढ़िया सड़ी हुई गोबर की खाद 20-25 टन* * 2.एसएसपी खाद(रकोडिया)-200 किलो* * 3.माइकोराइजा- 12 किलो* * 4.पोटाश(Mop)-100 किलो* * 5.जिंक सल्फेट- 25 किलो* * 6.अगर दीमक की समस्या है तो फिप्रोनील 80G 5 किलो* * 🔹सभी उर्वरक को मिश्रित करके एक तिरपाल पर मिलाकर अंतिम जुताई के समय मिट्टी में मिलाकर लहसुन की बुवाई करे** 🔹भूमि उपचार के लिए 4 kg ट्राईकोडर्मा प्रति हैक्टर काम मे लेना चाहिए!** 🔹बुवाई के एक माह बाद 50 kg नत्रजन खड़ी फसल मे देना लाभकारी होता है ,नत्रजन युक्त उपयोग ज्यादा नही करना चाहिए अन्यथा वानस्पतिक वृद्धि अधिक होती है !** 🔹किसान लहसून खुदाई के 15 दिन पूर्व बोरान 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करने से लहसून को अधिक समय तक सुरक्षित रख सकते है !*

garlic last Spre लहसुन के रोगों को नियंत्रित करने के कुछ तरीके

 नमस्कार सभी किसान भाईयों हम आप के लिए एक और बार लहसून की फसल की बीमारी व उसका उपचार लेकर आए हैं तो आज के इस Blog post में सिर्फ हम आप को अन्तिम स्प्रे की जानकारी देने वालों हैं  लहसुन के रोगों को नियंत्रित करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:    रोग मुक्त बीज का उपयोग करें : रोगमुक्त लहसुन के बीज का प्रयोग करें और रोपण से पहले बीजों को गर्म पानी से उपचारित करें।    अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में पौधे लगाएं : लहसुन को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में रोपें और पौधों को अधिक भीड़भाड़ वाला न बनाएं।    फसल चक्र अपनाएं : लहसुन की फसल को 3-4 वर्षों तक गैर-एलियम प्रजातियों के साथ चक्रित करें।    कवकनाशी का प्रयोग करें : उचित कवकनाशकों का प्रयोग करें, ध्यान रखें कि मोमी पत्तियों पर अच्छी तरह से छिड़काव करें। इष्टतम नियंत्रण के लिए कवकनाशकों का प्रयोग बदल-बदल कर करें।    खरपतवार नियंत्रण : फसल के आसपास खरपतवारों पर नियंत्रण रखें।    संक्रमित मलबे को नष्ट करें : सभी संक्रमित फसल अवशेषों को नष्ट कर दें।    पेनिसिलियम क्षय का प्रबंधन करें : जैसे ही लौंग के पौधे फूटें, उन्हें तुरंत रोप दें, ताकि बल्बों

ह्यूमिक एसिड कपास में उपज बढ़ाता है

हां, ह्यूमिक एसिड कपास की उपज बढ़ाता है: ह्यूमिक एसिड, पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है. यह पौधों की जड़ों के विकास को बढ़ाता है, जिससे वे मिट्टी से ज़्यादा पोषक तत्व और पानी अवशोषित कर पाते हैं. ह्यूमिक एसिड, मिट्टी को भुरभुरा बनाता है, जिससे पौधों की जड़ें ज़्यादा बढ़ पाती हैं. यह पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को तेज़ करता है, जिससे पौधे हरे-भरे होते हैं और उनकी शाखाएं भरपूर बढ़ती हैं. ह्यूमिक एसिड, मिट्टी में मौजूद लाभदायक सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा देता है. ह्यूमिक एसिड, अजैविक तनावों से लड़ता है. ह्यूमिक एसिड, मिट्टी की संरचना में सुधार करता है, जिससे मिट्टी की दीर्घकालिक उर्वरता बेहतर होती है. ह्यूमिक एसिड को पत्तियों पर छिड़ककर या मिट्टी की खाई में लगाकर इस्तेमाल किया जा सकता है

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने गेहूं की कई नई किस्में विकसित की हैं, जिनमें शामिल हैं

  wheat new किस्म  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने गेहूं की कई नई किस्में विकसित की हैं, जिनमें शामिल हैं:  एचडी-3385: एक जलवायु-स्मार्ट किस्म जो उच्च तापमान का सामना कर सकती है और जल्दी बुआई के लिए उपयुक्त है। इसकी उपज क्षमता लगभग 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.  डीबीडब्ल्यू 327 (करन शिवानी): 87.7 क्विंटल/हेक्टेयर की उपज क्षमता वाली एक जलवायु-लचीली, बायोफोर्टिफाइड किस्म। इसे उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में खेती के लिए जारी किया गया और 2023 में मध्य क्षेत्र के लिए अधिसूचित किया गया।  एचडी3386: उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में सिंचित समय पर बुआई की स्थिति के लिए एक उच्च उपज देने वाली किस्म।  WH1402: उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में प्रतिबंधित सिंचाई स्थितियों के लिए एक उच्च उपज देने वाली किस्म।  एचडी3388: पूर्वोत्तर मैदानी क्षेत्र में सिंचित समय पर बुआई की स्थिति के लिए एक उच्च उपज देने वाली किस्म।  डीबीडब्ल्यू 316 (करन प्रेमा): एक नई उच्च उपज देने वाली बायोफोर्टिफाइड गेहूं की किस्म।  एचडी 3059 (पूसा पछेती): देर से बोई जाने वाली गेहूं की एक नई किस्म।

धान की नई किस्मे | धान बीजा के फायेदे | चावल की नई किस्मे | लेटेस्ट राइकिस्म 2023

सभी किसान भाइयो को मेरा नमस्कार में आज आप के लिए फिर एक बार धन ( चावल ) की कुछ किस्मो की जानकारी ले करआया  हु |  में आशा करता हु की आप सभी को मेरा ये ब्लॉग पोस्ट अच्छा लगता है rice image    आज हम आप को कुछ बाते बताने वाले है जो भुत खास है  जेसे की भुत साडी कम्पनिया बाजार में धन के बीज को बेचती है परन्तु उन में से भुत से बीज नकल होते है  ये भुत जरूरी है की की आप पेसे देते है तो आप को बीज उच्च व् अच्छा मिले जिससे आपकी उत्पादन और आय दोनों में बढ़ोतरी हो  आज  आप को बताते है भारत सरकार द्वारा जरी सरकारी किस्मे जो सभी किसान उपयोग करते है किते ये ख पाना मुस्क्ली है की आप करते है या नही क्यू की असली बीज में भुत फायदे होते है  असली बीज के कुछ फायेदे  *असली बीज की उगने की क्षमता अधिक होती है  *असली बीज रोग प्रतिरोधक होते है  *असली बीज में किट कम लगते है  *असली बीज से बीज तेयार किया जा सकता है  *असली बीज की भण्डारण क्षमता अधिक होती है  *इनका बाजार मूल्य अधिक होता है      धन की कुछ नई किस्मे इस प्रकार है  134 CR Dhan 312 Irrigated 2019 135-140 MS CVRC (Maharashtra and Chhattisgarh) Moderately resis

खेत तलाई योजनाएँ | राजस्थान सरकार की सरकारी योजनाएं | अशोक गहलोत सरकार की किसानों को सोगत

 खेत तलाई  योजनाएँ  | राजस्थान सरकार की सरकारी योजनाएं | अशोक गहलोत सरकार की किसानों को सोगत राजस्थान सरकार की सरकारी योजनाएं उद्देश्य वर्षा के पानी को इकठ्ठा कर सिंचाई के काम में लेने के लिए। देय अनुदान अ.जा, अ.ज.जा, लघु एवं सिमान्त कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73,500/- रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 90 प्रतिशत या 1,35,000/- रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर तथा अन्य श्रेणी कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63,000/- रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 80 प्रतिशत या 1,20,000/- रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो, अनुदान देय है। न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान देय। पात्रता कृषक के स्वयं के नाम एक स्थान पर न्यूनतम कृषि योग्य भूमि 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदार की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम भूमि 0.5 हैक्टेयर हो । आवेदन प्रक्रिया कृषक स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन करा सकेगा। आवेदक आवेदन पत्र ऑन-लाईन जमा किये जानें की प्राप्ति रसीद ऑन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा। आवेदन पत्र के समय आवश्‍यक दस्तावेज- आधार कार्ड / जनाधार

धान के रोग,किट, पोषक तत्व व खरपतवार की जानकारी हिंदी में | चावल की जानकारी अब हिंदी में #rice #fieldagri #nextmefood

 नमस्कार सभी किसान भाइयो आज हम फिर आप के लिए एक और पोस्ट ले कर आये ह जो धान चावल के उप्पर है  हम, आज आप को धन के कुछ रोग , किट, खरपतवार के बारे में जानकारी देने वाले है और हूँ ने इस के लिए एक विडियो भी बनाया है जो आप को निचे मिल जायेगा | हम आशा करते है की आप को हमारे ब्लॉग में पोस्ट आचे लगते है  rice image nextmefood धान के रोग  धान में blast of paddy धान में sheath blight धान में brown leaf spot धान में bakane disease धान में stem root धान में false smut disease धान में bacterial leaf blight धान में tungro disease of paddy  धान के किट  धान में brown plant hopper  धान में whit backed plant hopper धान में rice leaf folder धान में yellow stem borer धान में rice gundhi bug धान में root aphid धान में rice grasshopper धान में पोषक तत्व की कमिया nitrogen deficiency in rice phosphorus deficiency in rice  potassium  deficiency in rice  sulphur  deficiency in rice  iron  deficiency in rice  zinc  deficiency in rice  boron  deficiency in rice  my youtube channel   < rice full video  धान में ख