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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Agriculture non graduate course in Agriculture nextmefood

Agriculture Give Info for non graduate course in Agriculture When will be the 1st Seam for B.sc. agriculture for 1st year? How people had learned farming? कृषि में गैर स्नातक पाठ्यक्रम के लिए जानकारी Career in agriculture 12वीं के बाद कृषि में स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम बैचलर डिग्री कोर्स आमतौर पर तीन से चार साल लंबे कोर्स होते हैं जिन्हें न्यूनतम योग्यता के साथ साइंस स्ट्रीम में 10+2 पास करने के बाद लिया जा सकता है। अलग-अलग संस्थानों के कट ऑफ मार्क्स के संबंध में अलग-अलग पात्रता मानदंड हो सकते हैं। कुछ स्नातक पाठ्यक्रम जिनका आप अनुसरण कर सकते हैं, वे हैं;     बीएससी कृषि में     बीएससी बागवानी में     बीएससी प्लांट पैथोलॉजी में     बीएससी खाद्य विज्ञान में     बीएससी डेयरी विज्ञान में     बीएससी पादप विज्ञान में     बीएससी कृषि जैव प्रौद्योगिकी में     बीएससी मत्स्य विज्ञान में     बीएससी वानिकी में     होना। या कृषि और खाद्य इंजीनियरिंग में बी.टेक     होना। या बी.टेक. कृषि सूचना प्रौद्योगिकी में     कृषि इंजीनियरिंग में बी.ई या बी.टेक     होना। या बी.टेक. कृषि इंजीनियरिंग में     होना।

germination अंकुरण #nextmefood

germination अंकुरण यह  पोधे की  एक महत्वपूर्ण अवस्था होती है इस अवस्था के बाद ही बीज से एक नया पोधा बनता है ये  अंकुरण अवस्था This is an important stage of the plant, only after this stage a new plant is formed from the seed, this germination stage सभी फसलो में भिन्न होसकती है किसी में  अंकुरण अवस्था 48घंटो से लेकर  5 दिवस तक होती है जिस कारण नये पोधे को जमीन से बहार निकले में एक हप्ता तक लग जाता है बीज को अगर सही नमी नही मिलती है  तो बीज की अंकुरण क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है इसी कारण आज कल बीज उपचार को ले कर काफी सारे किसान जागृत है क्यू की बीज उपचार करने से बीज की अंकुरण क्षमता बद जति है और बीज जलधि से उगता है  It may be different in all crops, in some the germination stage ranges from 48 hours to 5 days, due to which it takes up to a week for the new plant to come out of the ground, if the seed does not get the right moisture, then the germination capacity of the seed is bad. This is the reason why many farmers are awakened about seed treatment nowadays, because by doing seed trea

seed water supply need high yield variety,5 seeds found in India which can be sprouted,seed treatment is not followed for certified seed

Seed How much water supply need high yield variety seeds?  Name 5 seeds found in India which can be sprouted  Why seed treatment is not followed for certified seed in seed treatment industry? उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए कितनी जल आपूर्ति की आवश्यकता है? आप सबी का हमारे इस मंच पर स्वागत है जेसे की सभी किसानो को पता है आज के इस आधुनिक दोर में काफी साडी तकनीके खेती के  काम आ रही है इसी प्रकार उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए भी   जल आपूर्ति की आवश्यकता है जो अलग अलग समय पर अलग  अलग है इसी विषय में बात करते हुए हम   उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए कितनी जल आपूर्ति की आवश्यकता होत्ती है पर बात  करते है जनसख्या को देखते हुए बहुत सारे कृषि विभाग समस्या में है की किस तरह से हम उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए कितनी  जल आपूर्ति की आवश्यकता को पूरा कर सकते है  उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए 5 से 8 या 10 बार  जल आपूर्ति की आवश्यकता  होती है  उच्च उपज किस्म के बीजों के लिए कितनी जल आपूर्ति की आवश्यकता के कुछ मुख्य घटक है जो निम्न है  1- बीज की बुआई से पहले ताकि बीज का जमाव अछे से हो | 2- बीज के अंकु

pollen,pollenation nextmefood

    Table of 20 agriculture crops with stigma receptivity time and pollen available Ty Time  pollen को पोधे का परागकण कहा जाता है ये पोधे में निषेचन की क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है  ये एक नये पोधे व एक बीज तथा फल का निर्माण करता है ये पोधे के पुष्प भाग के शीर्ष व मध्य में उपस्थित होता है जिन पोधो में फल उपर की और या शीर्ष पर लगते है उन पर ये शीर्ष पर ही उपस्थित होता है किन्तु कही पोधो में ये दुसरे पोधे से हवा के द्वारा एक पोधे से दुसरे पोधे पर पहुचता है   pollen को पादप का जननांग भी कहा जाता है ये बहुत ही बारीक़ होता है  pollen हवा के द्वारा एक पोधे से दुसरे पोधे पर पहुच सकता है  pollen सरसों व बहुत से फसलो में मधुमक्खियो के द्वारा एक दुसरे पादप में पहुचता है  pollenका भाग बहुत हैनाजुक होता है ये ख़राब भी बहुत जल्दी होता है  pollen को बहुत सारे किट कहा जाते है जिससे फसल व फल बनने की क्रिया धीरे होती है  pollen तेज हवा व पानी में भी फुल से अलग हो जाता है जिस के कारण भी उपज में कमी आती है  pollen is called the pollen grain of the plant, it plays an important role in the process